नहीं रहे महावीर अग्रवाल, शिक्षा जगत में शोक की लहर

हरिद्वार, 17 मार्च (हि.स.)। संस्कृत के विद्वान व पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ.महावीर अग्रवाल का निधन हो गया है। वे 74 वर्ष के थे। उनका बेंगलुरु में उपचार चल रहा था। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे।

महावीर अग्रवाल पतंजलि से पूर्व गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी व उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय से भी संबद्ध रहे। डॉ.अग्रवाल ने कई पुस्तकें लिखीं व कई पुस्तकों का संपादन भी किया। परिवार में दो बेटे व पत्नी हैं। अंतिम समय में वह अपने बड़े बेटे के साथ बेंगलुरु में थे। उनके निधन का समाचार मिलते ही शिक्षा जगत से जुड़े लोगों व उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई।

इस सूचना के मिलते ही शिक्षा जगत व आर्य जगत के विभिन्न विद्वानों ने प्रो. महावीर अग्रवाल के निधन को शिक्षा जगत व आर्य जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है।

समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता के व कुलसचिव प्रो सुनील कुमार ने प्रो. महावीर अग्रवाल के निधन को विश्वविद्यालय और शिक्षा जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि प्रो. महावीर अग्रवाल शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए हमेशा याद किए जायेंगे।

विदित हो कि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए बहुमूल्य योगदान के लिए प्रो. महावीर अग्रवाल को राष्ट्रपति की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित किया गया। वहीं वह विभिन्न विश्वविद्यालयों की समितियों के सदस्य भी रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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