वर्ग भेद के उन्मूलन का महापर्व है होली: डॉ. पण्ड्या

-देसंविवि व शांतिकुंज में विशेष जप व सादगी के साथ मनी होली

हरिद्वार, 15 मार्च (हि.स.)। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय तथा गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में व्यसन मुक्त भारत के लिए विशेष जप के साथ होली सादगी के साथ मनाई गयी। हजारों लोगों के प्रतिनिधि के रूप में गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या व शैलदीदी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ होली महापर्व का पूजन सम्पन्न किया।

इस अवसर पर डॉ. पण्ड्या ने कहा कि वर्ग भेद के उन्मूलन का महापर्व है, होली। यह पर्व हमें एकता और समानता का संदेश देता है और समाज में प्रेम, भाईचारे तथा सद्भावना को बढ़ावा देने का उत्तम अवसर है। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि समाज की ऊर्जा को कुयोग से बचाकर सुयोग में लगाने के अभियान का एक महत्त्वपूर्ण चरण मानकर इसे व्यापक रूप दिया जाना चाहिए। होली के दिन प्रमुखद्वय ने सभी को अबीर का चंदन तिलक लगाया।

इससे पूर्व होली महापर्व के दौरान आयोजित सामूहिक जप में सैकड़ों लोगों ने भागीदारी की और भारत को व्यसन मुक्त बनाने हेतु प्रार्थना की। इस अवसर पर व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी, देसंविवि के कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या सहित देश-विदेश से आये साधकगण सहित शांतिकुंज, देसंविवि व ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के हजारों लोग उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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