एसएम रामनाथन बने बीएचईएल इंजीनियरिंग, अनुसंधान एवं विकास के निदेशक

हरिद्वार, 1 मई (हि.स.)। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के बोर्ड में निदेशक के रूप में अपनी नियुक्ति के पश्चात, 58 वर्षीय एस. एम. रामनाथन ने सार्वजनिक क्षेत्र के इंजीनियरिंग और विनिर्माण उद्यम के निदेशक (आईआर एंड ई) के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

श्री रामनाथन आईआईटी मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं, जिन्होंने स्ट्रेस और वाइब्रेशन एनालिसिस में एम.टेक और आईसीडब्ल्यूए (कॉस्ट अकाउंट्स) की डिग्री प्राप्त की है। वे इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंटस ऑफ इंडिया के फेलो सदस्य भी हैं। उन्होंने 1988 में कंपनी के हाई प्रेशर बॉयलर प्लांट (एचपीबीपी), तिरुचिरापल्ली में इंजीनियर ट्रेनी के रूप में बीएचईएल में अपने करियर की शुरुआत की और 1989 में इन्हें सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर ट्रेनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

रामनाथन को कंपनी के अनेक प्रमुख कार्य क्षेत्रों में काम करने का 37 वर्षों का विविध और व्यापक अनुभव है, जिनमें परिचालन के विभिन्न क्षेत्र इंजीनियरिंग, डिजाइन, अनुसंधान एवं विकास, रणनीतिक प्रबंधन और वाणिज्यिक, सामग्री प्रबंधन, रखरखाव, उत्पादन, फील्ड इंजीनियरिंग सेवा आदि शामिल हैं। साथ ही, इन्होंने बीएचईएल की रानीपेट, तिरुचिरापल्ली और भोपाल स्थित विनिर्माण इकाइयों में वित्त के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान किया है।

यह पदभार प्राप्त होने से पूर्व, रामनाथन बीएचईएल के कॉर्पोरेट कार्यालय में कार्यपालक निदेशक (ओएसडी ई, आर एंड डी) के साथ-साथ कंपनी के भोपाल स्थित हेवी इलेक्ट्रिकल प्लांट (एचईपी) का भी नेतृत्व कर रहे थे। इससे पहले, नवंबर 2023 में, उन्हें कार्यपालक निदेशक एवं एचपीबीपी, तिरुचिरापल्ली तथा बॉयलर ऑक्जिलरीज प्लांट, रानीपेट के प्रभारी के रूप में पदोन्नत किया गया था। तत्पश्चात जनवरी 2024 में कार्यपालक निदेशक (एचईपी) के रूप में पदोन्नत किया गया, जिससे उन्हें निगम के शीर्ष तीन राजस्व अर्जक इकाइयों का नेतृत्व करने का अनूठा गौरव प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप, प्रदर्शन में अत्यधिक सफलता मिली और विकास की प्रक्रिया में लगातार अनेक उपलब्धियां हासिल हुईं।

उन्होंने आईटी उपकरणों और गणितीय तकनीकों का उपयोग करके हाइड्रो टर्बाइनों के परिष्करण और डिजाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे लागत और समय की बचत हुई। रामनाथन ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई तकनीकी पत्र प्रस्तुत किए। उनके नाम पर एक टर्बाइन पेटेंट है और उन्हें नवाचार श्रेणी के अंतर्गत कंपनी के उत्कृष्टता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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