किसानों के पराली जलाने पर विपक्ष ने सरकार काे घेरा

-निदेशक के फैसले पर बोले सीएम,नहीं आएगी एफआईआर की नौबत

चंडीगढ़, 19 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को लेकर प्रदेश सरकार घिर गई है। किसानों की इस समस्या के रूप में शपथ ग्रहण के बाद सरकार के सामने पहली बड़ी चुनौती आ गई है। आने वाले दिनों में अगर यह मामला बढ़ता है तो नवनिर्वाचित सरकार को इससे निपटना आसान नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद शुक्रवार की शाम कृषि निदेशक द्वारा पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने तथा कृषि विभाग के रिकार्ड में आरोपित किसानों की रेड लाइन एंट्री करने के निर्देश दिए थे। जिससे किसान अगले दो सीजन तक ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे।

निदेशालय के इस आदेश के बाद विपक्ष ने सरकार को घेर लिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पराली जलाने को लेकर सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश को गलत करार देते हुए कहा कि प्रदूषण के आंकड़े बताते हैं कि पर्यावरण को खराब करने में पराली जलने का बेहद कम अंश होता है।

शनिवार को चंडीगढ़ आवास पर पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि सरकार पराली की एमएसपी निर्धारित करके किसानों से इसकी खरीद करे। पराली जलाने को लेकर सरकार द्वारा किसानों पर की गई कार्रवाई पूरी तरह निंदनीय है। सरकार ये किसान विरोधी फैसला वापस ले। क्यूंकि किसान मजबूरी में ऐसा कदम उठाते हैं। सरकार को किसानों पर जुर्माना लगाने, उनके ऊपर कार्रवाई करने और उनको रेड लिस्ट करने की बजाय इसके समाधान पर काम करना चाहिए। पराली की खरीद करके इसके इस्तेमाल से कई तरह की चीज़ें बनाई जा सकती हैं, जैसे कि: ईंधन, बायो-थर्मोकोल, इथेनॉल, बायो-बिटुमन, पैलेट, लुगदी, खाद, ईंट ,बिजली आदि उत्पादन जैसे कार्यो में इसका उपयोग करना चाहिए।

हुड्डा ने कहा कि प्रदूषण का असली कारण कारखाने गाडिय़ां और धूल होती हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह पराली का निस्तारण करे या किसानों से पराली की खरीद की जाए। फिलहाल पराली के निस्तारण के लिए सरकार जो मशीन देने की बात कर रही है, वह कारगर साबित नहीं हो रही है। मशीनों की संख्या भी बहुत कम है। खास तौर पर छोटे किसान इसका इस्तेमाल करने में अक्षम है।

इस बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी किसानों के समर्थन में सामने आए और शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में सैनी ने कहा कि हरियाणा के किसान समझदार हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का हिस्सा बन रहे हैं। सैनी ने एफआईआर दर्ज करने के मामले में कहा कि ऐसी नौबत हरियाणा में नहीं आएगी। प्रदेश सरकार हर हाल में किसानों के साथ खड़ी है। विपक्ष धरातल की परिस्थितियों को जाने बगैर इस मामले में राजनीति कर रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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