साझी सभाओं में राजकीय स्कूलों में निगरानी के लिए गठित होगी एसएमसी
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- May 12, 2025

स्कूलों में शैक्षणिक सुधारों को लेकर दो साल बाद गठित होंगी नई विद्यालय प्रबंधन समितियां
चंडीगढ़, 12 मई (हि.स.)। राजकीय स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियों को मजबूती देने, दाखिला का ग्राफ बढ़ाने और ग्रांट के सही उपयोग को लेकर विद्यालय प्रबंधन समितियों का गठन किया जाएगा। विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के गठन को लेकर प्रदेशभर के राजकीय स्कूलों में साझी सभाएं होंगी, जिनमें पिछली एसएमसी दो सालों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेगी। 19 से 23 मई तक साझी सभाओं का आयोजन होगा, जिनमें नई एसएमसी गठित होंगी।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से साेमवार काे विद्यालय प्रबंधन समिति के पुनर्गठन का शेड्यूल जारी कर दिया है। सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, खंड शिक्षा अधिकारी, राज्य के सभी राजकीय विद्यालयों के मुखिया व प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि साझी सभा का आयोजन 19 मई से 23 मई की अवधि के बीच विद्यालयों में किया जाएगा। सभी माता-पिता अथवा संरक्षक जिनके बच्चे विद्यालय में पढ़ते हैं और अन्य चयनित प्रतिनिधियों को साझी सभाओं में आमंत्रित किए जाएंगे। साझी सभा के लिए विद्यालय में नामांकित कुल छात्रों में से कम से कम 50 फीसी छात्राओं के अभिभावक साझी सभा में जरूर आमंत्रित किए जाएं। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगर परिषद और निर्वाचित प्रतिनिधियों को साझी सभा का निमंत्रण भेजा जाए। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चयन साझी सभा के दौरान ही होगा। इसके साथ ही, किसी भी एसएमसी में एक ही परिवार के एक से ज्यादा सदस्य नहीं होंगे।
साझी सभा के दौरान प्रधानाचार्य अथवा स्कूल मुखिया विद्यालय में हो रही गतिविधियों एवं विकास कार्यों, विद्यालय प्रबंधन समिति सदस्य की भूमिका और महत्व के बारे में अभिभावकों के साथ साझा करेंगे। पूर्व एसएमसी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को दोबारा चुनाव नहीं किया जाएगा। 13 मई मंगलवार से विद्यालय मुखिया की ओर से साझी सभा में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी के लिए गांवों में मुनादी, वाट्सअप मैसेज व रेडियो के जरिये सूचनाएं प्रेषित की जाएंगी। विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन दो वर्ष के लिए किया जाएगा। किसी सदस्य का लगातार तीन बैठकों में गैरहाजिर रहने पर उसकी सदस्यता को समाप्त किया जा सकता है। अभिभावक सदस्य के बच्चे का स्कूल में नामांकन खत्म हो जाना अथवा स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले सदस्य भी एसएमसी का सदस्य नहीं रह सकता है। वहीं बैठकों में सदस्य का लगातार नकारात्मक व असंतोषजनक व्यवहार पाए जाने पर भी उसे समिति से हटाया जा सकता है।
विद्यालय प्रबंधन समिति बच्चों के अधिकारों की उल्लंघन करने की रक्षा करेगी। वहीं शिक्षकों के विद्यालय में उपस्थिति होने में नियमितता और समय का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। विद्यालयों की आवश्यकताओं का पता लगाना, विद्यालय विकास योजना तैयार करना और प्रवेश तथा शैक्षणिक गतिविधियों पर निगरानी रखेंगे। विभाग द्वारा स्कूल विकास, बालक कल्याण तथा शैक्षणिक उत्थान के लिए जारी की गई ग्रांट पारदर्शिता के साथ खर्च हो, इस पर भी समिति निगरानी रखेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा