ऊर्जा क्षेत्र में नई ऊंचाई : केएसटीपीपी ने ऊर्जा उत्पादन में रचा इतिहास

- 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्रोजेक्ट का सफल संचालन - टीएचडीसीआईएल भारत के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर ऋषिकेश, 04 दिसंबर (हि.स.)। भारत के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने 1320 मेगावाट खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (केएसटीपीपी) के यूनिट-1 का पूर्ण भार (660 मेगावाट) सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने थर्मल ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने बताया कि यूनिट-1 ने परीक्षण के दौरान 664 मेगावाट का अधिकतम भार प्राप्त किया। इस दौरान सभी छह कोयला मिलों का संचालन और तकनीकी पैरामीटर स्थिर रहे। यह उपलब्धि सुबह 5:15 बजे हासिल की गई। यूनिट को अब फ्ल्यू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) से जोड़ा जा रहा है, जिससे सात दिसंबर से वाणिज्यिक संचालन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। विश्नोई ने खुर्जा एसटीपीपी की पूरी टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि यह थर्मल पावर प्रोजेक्ट पूर्ण लोड संचालन के लिए तैयार है। उन्होंने इस परियोजना को टीएचडीसीआईएल की ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने वाला मील का पत्थर बताया। निदेशक (कार्मिक) शैलेन्द्र सिंह ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा कि यह टीएचडीसीआईएल की ऊर्जा पोर्टफोलियो को सुदृढ़ करने और टिकाऊ ऊर्जा समाधान प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं, निदेशक (तकनीकी) भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह परियोजना चरम ऊर्जा मांग के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के साथ तालमेल बनाएगी। टीएचडीसीआईएल पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रहा है। यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने और स्वच्छ ईंधन विकल्पों की खोज के लिए प्रतिबद्ध है।इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक कुमार शरद, महाप्रबंधक बीके साहू, उप महाप्रबंधक एके विश्वकर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी समेत एनटीपीसी कंसल्टेंसी टीम, बीएचईएल, एलएमबी और एसटीईएजी जैसी प्रमुख हितधारक कंपनियों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / विक्रम सिंह

   

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