श्रीमद्भगवद् गीता में आधुनिक जीवन की जटिलताओं का है शाश्वत ज्ञान स्रोत व समाधान : कुलपति

कानपुर, 01 दिसंबर (हि. स.)। श्रीमद्भगवद् गीता भारतीय संस्कृति का वह अमूल्य ग्रंथ है जो केवल एक धार्मिक ग्रंथ न होकर मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मार्गदर्शन की भूमिका निभाता है। गीता के उपदेश आत्म बल, समत्व,धैर्य और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देते हैं। यह बातें सोमवार को गीता जयंती के मौके पर श्रीमद्भगवद् गीता पढ़ने के फायदे बताते हुए भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष व सीएसजेएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कही।

सीएसजेएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि इसके सूत्र समय और परिस्थिति की सीमाओं से परे जाकर आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने महाभारत काल में थे। विद्वानों ने गीता के सिद्धांतों को मनोविज्ञान, प्रबंधन, शिक्षा, नेतृत्व, सामाजिक समरसता ,अवसाद निवारण, डिजिटल युग, पर्यावरणीय स्थिरता तथा वैश्विक चुनौतियों के संदर्भ में प्रस्तुत किया है।

कुलपति ने कहा कि गीता केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन ही नहीं, बल्कि आधुनिक जीवन की जटिलताओं का समाधान प्रस्तुत करने वाला शाश्वत ज्ञान स्रोत है। गीता का कर्म योग निश्चित कर्तव्य पालन की प्रेरणा देता है, भक्ति योग आस्था आत्मसमर्पण और शांति की ओर ले जाता है, ज्ञान योग तर्क और विवेक के द्वारा अज्ञान का निवारण करता है तथा ध्यान योग मन की शांति और एकाग्रता की शक्ति प्रदान करता है। इन विविध आयामों को आधुनिक संदर्भों में गीता मनीषियों द्वारा जिस गहराई से प्रस्तुत किया गया है, वह प्रशंसनीय है।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद

   

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