जयपुर, 8 नवंबर (हि.स.)। प्रताप नगर में स्थित सेक्टर -15 के सामने देहलावास बालाजी मंदिर के पास ग्राउंड में छठ पूजा का समापन शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर कर किया गया। इस मौके पर प्रताप नगर ग्राउंड में एसडीएम हिम्मत सिंह,एसपी विनोद शर्मा,एसएचओं मुनेंद्र सिंह सहित अन्य अतिथियों को साफा पहनाकर अरुणोदय जन विकास परिषद के अध्यक्ष प्रमोद पाठक ने स्वागत किया। छठ पूजा में परिषद के अन्य पदधिकारी अजय राय,सुनील सिंह,सुनील सिंह विशेश्वर प्रसाद,सीताराम यादव,बैजनाथ प्रसाद,हेमंत अवस्थी ,लोकेश गुर्जर सहित तमाम लोग व्यवस्थाओं को संभालने में लगे रहे।
छठ पूजा के समापन के दौरान श्रद्धालुओं की काफी भीड़ ग्राउंड में देखने को मिली। महिलाएं समूह में एकत्रित होकर छठ मैया के गीत गाती हुई नजर आई। इस अवसर पर समाजसेवी सुमन गुर्जर,प्रेमलता पाठक,प्रमोद पाठक सहित कई भक्तगणों ने ग्राउंड में करीब ढ़ाई सौ किलो ठेकुआ और केले का प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरण किया।
अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा सांगानेर विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद पाठक ने बताया कि शुक्रवार को व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया,जिसके साथ ही छठ पूजा महापर्व का समापन हुआ। इस अवसर पर ढाई सौ किलो ठेकुआ का प्रसाद श्रद्धालुओं में बांटा गया।
छठ पूजा महापर्व पर प्रताप नगर में बनाए गए घाट पर पुलिस के खास इंतजाम किए गए। सांगानेर एसडीएम हिम्मत सिंह,एसपी विनोद शर्मा,प्रताप नगर थानाधिकारी मुनेंद्र सिंह सहित पूजा स्थल पर मौजूद रहा। वहीं बढ़ती भीड़ और महिलाओं को देखते हुए महिला पुलिसकर्मियां भी घाट पर तैनात रही।
36 घंटे किया निर्जला व्रत,5 नवंबर को शुरु हुआ था छठ पूजा महापर्व
लोक पर्व छठ पूजा 5 नवंबर को प्रारंभ हुआ था और शुक्रवार को महापर्व का समापन हुआ। शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन हुआ व्रतियों ने 36 घंटे तक निर्जला व्रत रख कर अपने सुहाग की लंगी उम्र और संतान प्राप्ति व उनकी उन्नति के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा। व्रत करने वाली महिलाओं ने पानी के अंदर जाकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया।
पूर्वांचल के श्रद्धालुओं का चार दिवसीय छठ सूर्य उपासना महापर्व शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ। मुख्य आयोजन गलता तीर्थ में हुआ। यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। देर रात से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। 36 घंटे का निर्जल-निराहार व्रत रखे श्रद्धालुओं ने सूर्योदय के समय कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। जलाजंलि देने के बाद मौसमी, सेब, केला, ठेकुआ, कसर, गन्ने का भी जल के साथ अर्घ्य दिया। अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु सूर्योदय से पहले ही जल में खड़े हो गए। जैसे ही पूर्व दिशा से लालिमा फूटी तो केरवा जे फरे ला घवद से..., सबेरे चरण तोहार है छठी मईया..., उग है सूरज देव अरघ के बेर...जैसे भोजपुरी-मैथिली लोक गीतों से गलताजी गूंज उठा।
सात साल बाद मावठे पर हुई पूजा:
आमेर में सूर्य उपासना का महापर्व डाला छठ धूमधाम मनाया गया। मावठे पर पूर्वांचल के श्रद्धालुओं का मेला लगा रहा। छठ पूजा को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला। राजधानी के विभिन्न इलाकों से भी लोग मावठा पर छठ पूजा करने के लिए पहुंचे। शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। इसी के साथ छठ पूजा का समापन हुआ।
उल्लेखनीय है कि पुरातत्व विभाग ने सात साल बाद छठ पूजा की अनुमति दी है। सुरक्षा की दृष्टि से 2018 में छठ पूजा बंद कर दी गई थी। मैथिल परिषद के अध्यक्ष दिलीप कुमार झा ने बताया कि आमेर में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग 45 हजार से भी ज्यादा लोग रहते हैं। छठ पूजा मैथिली समाज का मुख्य त्योहार है। जगह नहीं होने के कारण मजबूरी में लोग इसे घर में ही मनाने लगे थे। इस बार पुरातत्व विभाग से इसकी अनुमति मांगी गई थी और विभाग ने छठ पूजा के लिए 3 दिन की अनुमति दी।
यहां भी दिया छठ मैया को अर्घ्य:
शास्त्री नगर स्थित स्वर्ण जयंती गार्डन के पीछे किशनबाग, हसनपुरा में दुर्गा विस्तार कॉलोनी, दिल्ली रोड, प्रताप नगर, मालवीय नगर, रॉयल सिटी माचवा, मुरलीपुरा, आदर्श नगर, विश्वकर्मा, जवाहर नगर, निवारू रोड, झोटवाड़ा में लक्ष्मी नगर, कानोता, आमेर रोड, सोडाला, अजमेर रोड, हीरापुरा पावर हाउस, सिविल लाइंस, गुर्जर की थड़ी, आकेड़ा डूंगर सहित अन्य क्षेत्रों में कृत्रिम तालाबों में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश