जयपुर, 4 नवंबर (हि.स.)। सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ मंगलवारसे मनाया जाएगा। सोमवार को इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। बिहार, उत्तराखंड, झारखंड सहित अन्य राज्यों के निवासी डाला छठ धूमधाम से मनाएंगे। मंगलवार को नहाय खाय से पर्व की शुरुआत होगी। इसके बाद खरना व्रत होगा। व्रती खरना की पूजा करेंगे। इसमें छठ करने वाले श्रद्धालु पूरे दिन निर्जला उपवास करके सायंकाल में भगवान भास्कर की पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। प्रसाद पाने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला अनुष्ठान का संकल्प लेंगे। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ पर्व के चौथे एवं अंतिम दिन सुबह उगते सूर्य को व्रती घाटों या कृत्रिम घाट से उदीयमान सूर्य को दूध तथा जल से अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन करेंगे। इसके साथ ही 36 घंटे से चला आ रहा निर्जला उपवास भी पूर्ण होगा। जयपुर में बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश बड़ी संख्या में लोग पूजा अर्चना करेंगे।
गलताजी, एनबीसी के पीछे दुर्गा विस्तार कॉलोनी, शास्त्री नगर किशन बाग, दिल्ली रोड, प्रताप नगर, मालवीय नगर, मुरलीपुरा, गणेश वाटिका, आमेर मावठा, निवारू रोड, कटेवा नगर, रॉयल सिटी माचवा, विश्वकर्मा, झोटवाड़ा, जवाहर नगर, आदर्श नगर, सिरसी रोड सहित अन्य क्षेत्रों में डाला छठ महापर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। जयपुर में रह रहे पांच लाख से अधिक प्रवासी बिहारवासी यह महापर्व मनाएंगे। सात नवंबर शाम को अस्तगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। आठ नवंबर को उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित कर इस महापर्व को संपन्न करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश