गुजरात के वडताल धाम में देश-विदेश के श्रद्धालु पहुंचे, गुरुवार से द्विशताब्दी महोत्सव का आगाज 

800 बीघा में फैला महोत्सव स्थल, जहां विभिन्न विभागों के लिए अलग-अलग पंडाल में व्यवस्था की गई है।

नडियाद, 6 नवंबर (हि.स.)। गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद के समीप वडताल धाम में गुरुवार, 07 से 15 नवंबर तक स्वामीनारायण सम्प्रदाय का द्विशताब्दी महोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान यहां विभिन्न धार्मिक और सामाजिक समारोह का आयोजन किया जाएगा। आयोजन में देश-विदेश के 25 लाख से अधिक हरिभक्तों के यहां उमड़ने की संभावना है। इसे लेकर वडताल धाम में पिछले 6 महीने से अधिक समय से दिन-रात हजारों हरिभक्त तैयारी में जुटे हैं।

विक्रम संवत 1881 के कार्तिक शुक्ल द्वादशी के दिन वडताल धाम में सहजानंद स्वामी यानी स्वामीनारायण भगवान ने स्वहस्ते गर्भगृह में श्री लक्ष्मीनारायण देव, श्रीहरिकृष्ण महाराज, श्रीराधाकृष्ण देव आदि भगवान स्वरूप मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की थी। इसके अब संवत 2081 में दो सौ साल पूर्ण हो रहे हैं। इस अवसर पर स्वामीनारायण संप्रदाय के वर्तमान आचार्य राकेश प्रसाद महाराज के सानिध्य में श्री लक्ष्मीनारायण देव द्विशताब्दी महोत्सव मनाया जा रहा है। यह 07 से 15 नवंबर तक चलेगा। इस महोत्सव में देश-विदेश के 25 लाख से अधिक हरिभक्त शामिल होंगे। राज्य के कोने-कोने से भी श्रद्धालुओं का यहां पहुंचना जारी है। यह सभी हरिभक्त महोत्सव के सुचारू रूप से संचालन के लिए साफ-सफाई से लेकर छोटी-बड़ी सभी सेवाओं में दिल-जान से जुट गए हैं।

वडतालधाम में 800 बीघा यानी 1.95 करोड़ वर्ग मीटर जमीन में महोत्सव की सम्पूर्ण तैयारी की गई है। महोत्सव के लिए प्रधानमंत्री से लेकर मंत्री, विधायक, फिल्म अभिनेता समेत सामान्य लोगों को आमंत्रण भेजा गया है। इसके अलावा यूरोप, पूर्वी अफ्रीका, कनाडा, सिंगापुर, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, लंदन, न्यूजीलेंड, दुबई आदि स्थानों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। महोत्सव में 9 दिनों के दौरान करीब 25 लाख हरिभक्तों के आने की संभावना आयोजकों ने जतायी है।

कार्यक्रम विवरण-

सात नवंबर को सुबह 8 बजे से वलेटवा चौराहे से महोत्सव परिसर तक पोथीयात्रा निकाली जागएी। इसके बाद 10.30 बजे सभामंडप में 200 शंखनाद, 11 बजे महोत्सव का उद्घाटन किया जाएगा। स्वागत नृत्य के बाद दीप प्राकट्य होगा। इसके बाद ठाकोरजी, पोथीजी, आचार्य समेत वक्ताओं का पूजन होगा। दिन के 3 बजे से महापूजा का आरंभ किया जाएगा। 08 नवंबर को महोत्सव परिसर में जनमंगल अनुष्ठान शुरू होगा। शाम 5.30 बजे घनश्याम प्रागटयोत्सव महोत्सव का आयोजन होगा। 9 नवंबर को सुबह 5.30 बजे नंद संतों की धर्मशाला में सर्वशाखाा वेद परायण शुरू होगा। दिन के 12 से दोपहर 3 बजे तक महिला मंच आयोजित होगा। शाम 5 बजे मंदिर परिसर में श्रीसुक्तम अनुष्ठान की पूर्णाहुति होगी। 10 नवंबर को सुबह 8 बजे मंदिर परिसर में श्रीसुक्तम अनुष्ठान होमात्मक शुरू होगा। सुबह 10 बजे आलौकिक अक्षरभुवन कुम्भी शाीला पूजन होगा। शाम 5.30 बजे पुस्तक प्रकाशन होगा। 11 नवंबर को शाम 4 बजे महोत्सव परिसर में वडताल आगमन उत्सव होगा। जेतपुर श्रीहरि गादी पट्टाभिषेक होगा। 12 नवंबर को सुबह 07 से 10 बजे तक धर्मशाला संत दीक्षा आयोजन होगा। शाम 4 बजे से गोमतीजी से मंदिर यजमानों की जलयात्रा निकाली जाएगी। इसी दिन 12 बजे मंदिर परिसर में श्री धर्मदेव जन्मोत्सव आयोजित होगा। 13 नवंबर को पाटोत्सव अभिषेक के बाद सुबह 10.30 बजे नूतन संत निवास उद्घाटन होगा। अन्नकूट दर्शन और शाम वडताल पुष्पदोलत्सव और सर्व शाखा वेदा पारायण पूर्णाहुति कार्यक्रम आयोजित होगा। 14 नवंबर को शाम 5.30 बजे से वडताल प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव परिसर में होगा। अंतिम दिन 15 नवंबर को शाम 6 बजे भक्तिमाता का जन्मोत्सव मंदिर परिसर में होगा। इसी दिन सुबह 11.30 बजे चातुर्मास पूनम का उद्यापन किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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