इंदौरः नदी में बिना उपचार औद्योगिक अपशिष्ट डालने पर नौ फैक्ट्रियां की गई सील, काटे विद्युत कनेक्शन

- कलेक्टर के निर्देशन में नदी एवं नालों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन की प्रभावी कार्रवाई

इंदौर, 10 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुसार नदी शुद्धीकरण हेतु कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा नदी एवं नालों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर के निर्देश पर बुधवार को राजस्व, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों की टीम द्वारा इंदौर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जहां फैक्ट्रियों द्वारा औद्योगिक अपशिष्ट सीधे नदियों में छोड़ा जा रहा था, उनके विद्युत कनेक्शन काटकर सील करने की कार्रवाई संपन्न की गई। कुल नौ फैक्ट्रियों के बिजली कनेक्शन काटकर बंद कराया गया।

दरअसल, गत दिवस आयोजित बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट किया था कि नदी-नालों के प्रदूषण के प्रति जिला प्रशासन जीरो टॉलरेंस रखेगा। ऐसे सभी उद्योग जो औद्योगिक अपशिष्ट बिना उपचार के सीधा नदी और नालों में बहा रहे हैं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा जिन फैक्ट्रियों को बंद कराया गया है, उनमें समता नगर पालदा स्थित मेसर्स सुप्रीम फूड प्रोडक्ट यूनिट 2,उद्योग नगर पालदा स्थित मेसर्स पेप्पे न्यूट्रीशन प्राइवेट लिमिटेड एवं मेसर्स सन इंडस्ट्रीज, औद्योगिक क्षेत्र सांवेर रोड स्थित मेसर्स साईं मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड, ग्राम बरदरी सांवेर रोड स्थित मेसर्स हर्षिता इंटरप्राइजेस, औद्योगिक क्षेत्र बरदरी स्थित मेसर्स संध्या एंटरप्राइजेस, औद्योगिक क्षेत्र सांवेर रोड स्थित मेसर्स विद्युत इलेक्ट्रोप्लेटर्स तथा औद्योगिक क्षेत्र लक्ष्मीबाई नगर स्थित मेसर्स कन्हैया डाइंग एवं मेसर्स मयूर डाइंग शामिल हैं।

कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट किया है कि जिले में इस तरह की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। 2028 तक नदी एवं नालों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक्शन प्लान भी तैयार किया जा रहा है जिसके तहत नियमित रूप से अधिकारियों द्वारा उद्योगों का निरीक्षण किया जायेगा और निर्देशों के उल्लंघन पाए जाने पर कार्यवाही भी की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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