श्रीरामचरित लीला के अंतिम दिन हुआ भक्तिमति माता शबरी लीला का आयोजन

जबलपुर, 17 जनवरी (हि.स.)। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से भंवरताल उद्यान में आयोजित श्रीरामचरित लीला समारोह के अंतिम दिन बुधवार शाम को भक्तिमति शबरी लीला का मंचन किया गया।

भारत के सांस्कृतिक वैभव एवं पौराणिक गाथाओं से सभी को अवगत कराने आयोजित इस समारोह का आरंभ कलाकारों द्वारा भगवान श्रीराम, भैया लक्ष्मण, माता जानकी एवं भगवान श्री हनुमान की वंदना से हुआ। शबरी गीतों के बीच कलाकारों द्वारा माता शबरी की बाल गाथाओं की आकर्षक प्रस्तुतियों को देखकर दर्शकों का मन प्रसन्न हो गया।

महर्षि मतंग की आज्ञा के फलस्वरूप श्रीराम की अनवरत प्रतीक्षा करने वाली कोमल हृदय की धनी माता शबरी का भगवान श्रीराम से मिलन लीला का मुख्य केंद्र था। मिलन के दौरान प्रभु श्रीराम ने भक्तिन शबरी द्वारा वर्षों से प्रतिदिन सुसज्जित पुष्पपथ पर चलकर कुटिया में प्रवेश किया। उन्होंने स्नेह पूर्वक माता शबरी के झूठे बेर भी खाए और माता शबरी को नवधा भक्ति से परिचित भी कराया। भक्त और भगवान के इस मिलन को मंच पर चरितार्थ होते देख उपस्थित रामभक्तों का हृदय भक्ति भावना से प्रफुल्लित हो उठा।

समारोह में कलाकारों द्वारा भजनों एवं लोकगीतों पर जनजाति छटा को बिखेरते हुए लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां भी दी गईं। इन नृत्य प्रतुतियों ने भक्तिमति शबरी लीला को मनमोहक रूप प्रदान किया। नाट्यलोक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था जबलपुर द्वारा संजय गर्ग के निर्देशन में प्रस्तुत इस लीला में मानसी सोनी एवंशालिनी अहिरवार द्वारा माता शबरी का अभिनय किया गया। समारोह में पराग तेलंग द्वारा भगवान श्रीराम,महिमा गुप्ता द्वारा माता सीता, प्रेमराज विश्वकर्मा द्वारा भैया लक्ष्मण एवं अनिकेत अहिरवार द्वारा भगवान श्री हनुमान का अभिनय देखकर लोगों का हृदय राममय हो गया। भक्तिमति शबरी लीला में 25 कलाकारों ने अभिनय में हिस्सा लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/विलोक पाठक/मुकेश

   

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