बलवंत ठाकुर ने की मुख्य सचिव से मुलाकात, साझा की सांस्कृतिक चिंताएं

जम्मू, 4 जनवरी (हि.स.)।वीरवार को पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने नागरिक सचिवालय में मुख्य सचिव से मुलाकात की और उन्हें अपनी व्यापक सांस्कृतिक चिंताओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में एक परिभाषित सांस्कृतिक नीति के अभाव में, पूरा आंदोलन जर्जर स्थिति में है। रचनात्मकता और शुद्ध कला प्रथाओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए नियुक्त जम्मू-कश्मीर की प्रमुख सांस्कृतिक संस्था पूरी तरह से दिशाहीन है।

उन्होंने आरोप लगाया कि जातीय, पारंपरिक और लोक कला प्रथाएँ विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए नीति होनी चाहिए।

कोविड महामारी के दौरान, कला बिरादरी को सबसे अधिक नुकसान हुआ। किसी भी जीविका सहायता के अभाव में अधिकांश पूर्णकालिक कलाकार अन्य व्यवसायों में स्थानांतरित हो गए। यह नई नीतियों और योजनाओं के साथ आने का सही समय है, जिसका उद्देश्य उन्हें कला के अभ्यास में वापस लाना है और इस क्षेत्र में कला और संस्कृति के व्यापक कल्याण और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उनके अमूल्य ज्ञान और युगों की विशेषज्ञता का उपयोग करना है।

उन्होंने मुख्य सचिव से उनके साथ साझा किए गए ज्वलंत सांस्कृतिक मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित करने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्य सचिव को उन पर आधारित एक पुस्तक भी भेंट की, जो मॉरीशस में प्रकाशित हुई थी और मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी की गई थी।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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