विज्ञान में युवाओं की रुचि बढ़ाना ही राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य: राज्यपाल

- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर राज्यपाल ने वैज्ञानिकों को किया संबोधित

- जीवन को सुविधाजनक व आरामदायक बनाने के लिए दिया जोर

गुवाहाटी, 28 फरवरी (हि.स.)। असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस युवाओं के लिए बहुत महत्व है, क्योंकि यह न केवल विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक खोज का स्मरण करता है, बल्कि राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार के महत्व को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।

राज्यपाल बुधवार को असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर एक वैज्ञानिक समुदाय के समूह को संबोधित कर रहे थे। कटारिया ने कहा कि सर सीवी रमन के रमन प्रभाव की खोज की स्मृति में पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है, लेकिन यह दिन वर्तमान पीढ़ी के लिए बहुत महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विज्ञान में युवा पीढ़ी की रुचि बढ़ाना भी है।

राज्यपाल कटारिया ने कहा कि राष्ट्र ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की मजबूत वैक्सीन विकास क्षमता उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं। राज्यपाल ने आदित्य एल-1 के बारे में बताते हुए कहा कि इसने सूर्य के करीब पहुंचकर अंतरिक्ष में नया इतिहास रच दिया है। राज्यपाल ने कहा कि भारत खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान, जैव प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मानव कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम 'विकासशील भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियां' को लेकर कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई सफलता प्राप्त कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत करने के लिए, सरकार ने नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि देश में वैज्ञानिक नवाचारों और खोजों का समृद्ध इतिहास रहा है। भारतीय नौसेना का गौरव आईएनएस विक्रांत देश का पहला स्वदेश विकसित विमानवाहक पोत है। इसके अलावा, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कई वैमानिकी प्रणालियों, मिसाइलों और इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकियों का विकास किया है। राज्यपाल ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए एक अलग विश्वविद्यालय शुरू करने के लिए भी सरकार की सराहना की।

इस मौके पर राज्यपाल ने विज्ञान और पर्यावरण संरक्षण में योगदान के सम्मान में प्रख्यात हस्तियों को राज्य विज्ञान पुरस्कार और परिवेश मित्र सम्मान से भी सम्मानित किया। उन्होंने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, 2022 प्राप्तकर्ता प्रो कमलेंदु देब क्रोरी को राज्य विज्ञान पुरस्कार 2022 प्रदान किया। राज्यपाल ने डॉ. मून मून देवी को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2022, प्रो किशोरी मोहन पाठक लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, 2023 (मरणोपरांत) को राज्य विज्ञान पुरस्कार 2023, डॉ. देबंगा राज नेओग को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किए। आकाश विज्ञान और पर्यावरण शिक्षा केंद्र बिश्वनाथ चरियाली को विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कृत किया। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए पांच प्रतिष्ठित लोगों को भी प्रवेश मित्र सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री केशव महंत, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव लया मादुरी, एएसटीईसी के डॉ. जयदीप बरुवा, इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के पूर्व निदेशक डॉ. जोयंती सुतिया सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/सुनील

   

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