राजस्थान में बीजेपी सरकार की पहली राजनीतिक नियुक्ति, धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष बनाए गए लखावत

जयपुर, 7 फ़रवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत को राजस्थान धरोहर प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह तीसरा अवसर है जब भाजपा के शासन में लखावत को प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है।

लखावत राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद विभिन्न बोर्ड और आयोगों को भंग कर दिया गया था। उन्हें दोबारा संचालित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए बुधवार को भजन लाल सरकार ने पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत को राजस्थान धरोहर प्राधिकरण की कमान सौंपी है। माना जा रहा है कि इनकी नियुक्ति के साथ ही प्रदेश में अब राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में जाने से पहले राजनीतिक नियुक्तियों का दौर पूरा कर सकती है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं ले पाने वाले नेताओं को किसी न किसी तरह सरकार का अंग बनाया जाएगा।

लखावत नागौर जिले के रहने वाले हैं, लेकिन वर्तमान में वे अजमेर में रह रहे हैं। कॉलेज के दिनों से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। बाद में वर्ष 1980 में जब भाजपा का गठन हुआ तब दिल्ली में हुए सम्मेलन में ओंकार सिंह लखावत मौजूद थे। भाजपा में आने के बाद वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वर्ष 1997 से 2000 तक वे राज्यसभा सांसद रहे। पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के शासन के दौरान लखावत को उन्हें राजस्थान विरासत संरक्षण एवं संवर्धन प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया था। पीएम नरेन्द्र मोदी जब पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने गए थे, तब लखावत उनके साथ रहे। लखावत ने ही स्मारक और पैनोरमा से जुड़ी जानकारियां पीएम मोदी को दी।

कला-साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के उप शासन सचिव नवीन यादव द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के विधान के अनुच्छेद 4 (1) के तहत लखावत की नियुक्ति की गई है।

इस नियुक्ति पर लखावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार जताया है। लखावत ने कहा कि पूर्व के दो कार्यकालों में कुछ काम अधूरे रह गए थे। अब तीसरे कार्यकाल में अधूरे कार्यो को पूरा किया जाएगा। लखावत ने बताया कि राजस्थान एक बड़ा प्रदेश है और यहां का इतिहास बहुत समृद्धशाली है। तीसरे कार्यकाल में उनका प्रयास होगा कि प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्वार किया जाए। ऐसे अनेक धार्मिक स्थल है जिनका ऐतिहासिक महत्व रहा है। उन्होंने अपने पूर्व के दो कार्यकाल में ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को विकसित करने का काम किया। इस बार भी ऐसे स्मारकों को विकसित और सुदृढ़ किया जाएगा। लखावत वर्ष 2006 में तथा वर्ष 2014 में भी प्राधिकरण के अध्यक्ष बने थे।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

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