छिंदवाड़ा: उम्र भले ही छोटी, उत्साह नहीं है कम, छोटे बच्चे भी शिद्दत से रख रहे रोजा

छिंदवाड़ा,16 मार्च (हि.स.)। रमजान का पाक माह चल रहा है। ऐसे में रमजान को लेकर हर कोई उत्साहित है। बड़े लोगों के साथ छोटे बच्चे भी शिद्दत से रमजान पर्व पर बिना कुछ खाए पिए रोजा रखते हैं। अल्लाह से मुल्क की सलामती की दुआ करते हैं। कहा भी जाता है कि रमजान शरीफ और रसूल के आज्ञा पालन के अलावा कर्तव्य धैर्य और संकट से मुकाबिल होने के लिए अभ्यास का महीना है। मुल्क की सलामती के लिए छोटे बच्चे भी रोजा का व्रत रखते हैं।

सुबह सूर्योदय के साथ शुरू होने वाला रोजा शाम सूर्यास्त पर समाप्त होता है और ऐसे में दिनभर छोटे बच्चे भी शिद्दत और इबादत से रोजा रख अल्लाह से मुल्क की सलामती की दुआ करते हैं। अभिभावकों से ज्यादा बच्चों में रोजा रखने का उत्साह दिखाई देता है। बच्चों की उम्र भले ही छोटी हो लेकिन जज्बा बहुत बड़ा है।अलग-अलग उम्र के बच्चे पूरी शिद्दत से कुरान शरीफ और नमाज अदा कर रोजा के नियमों का पालन करते हैं और अल्लाह से मुल्क की सलामती की दुआ भी करते हैं 10 वर्ष की उम्र के कमल अंसारी ने बताया कि हम 3 वर्षों से रोजा रहते हैं और हम अपने मुल्क की सलामती की दुआ करते हैं, ताकि हमारा मुल्क सलामत रहे। हमें रोजा रहने में कोई समस्या नहीं होती है। वहीं, 9 वर्ष की उम्र की मुसर्रिफ अंसारी, 7 वर्ष की जिक्र अंसारी, और 5 वर्ष के अहमद रजा ने बताया कि हम रोजा रहते हैं। नमाज पढ़ते हैं। कभी कभार तो हमें थोड़ा कष्ट होता है, लेकिन अब हम रोजा नहीं छोड़ते और पूरी शिद्दत से रोजा रहकर अपने मुल्क की सलामती की दुआ करते हैं। हमारे साथ अन्य लोग भी रोजा रखते हैं। परिवार की सदस्य सानिया अंसारी बताती हैं कि छोटे छोटे बच्चे रोजा रखते हैं। सुबह बच्चे नमाज पढ़ते हैं जो धर्म और इस्लाम के नियम है। उनका पालन करते हैं। ऐसे में बच्चों में उत्साह दिखता है। हम सब को भले ही परेशानी हो, लेकिन उसके बाद भी बच्चे रोजा नहीं छोड़ते और बच्चों का भी हम पूरा ध्यान रखते हैं और आज जुम्मा का रोजा है वो दूसरे दिनों से खास होता है इसलिए हम ने अल्लाह को राजी करने के लिए रोजा रखा।

हिन्दुस्थान समाचार/संदीपसिंह चौहान/नेहा

   

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