नलकूप विभाग के कर्मचारियों ने ठाना, बुजुर्गों को महीनों दफ्तर के चक्कर है लगवाना
- Admin Admin
- Mar 20, 2024
लखीमपुर खीरी, 20 मार्च (हि.स.)। नलकूप विभाग के कर्मचारियों की मनमानी और सुविधा शुल्क की चाह के चलते रिटायर्ड कर्मचारी व उनके आश्रितों को महीनों तक ऑफिस की चौखट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। उसके बाद भी उनका काम नहीं हो रहा। यह हाल तब है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वृद्धजनों के लिए तमाम योजनाएं चला रखी हैं। वहीं सरकार के सख्त निर्देश हैं। वृद्धजनों को प्राथमिकता दी जाए, लेकिन लखीमपुर खीरी का नलकूप विभाग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों से कोई सरोकार शायद नहीं रखता है।
खीरी का नलकूप विभाग इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। दरअसल यहां पर काम करने वाले कर्मचारी शासन के आदेशों को शायद नहीं मानते, यही कारण है की शासन द्वारा रिटायर्ड कर्मचारी व उनके आश्रितों को लेकर मेडिकल रीइंबर्समेंट (चिकित्सा क्षति पूर्ति) दी जाती है। जिसके लिए चिकित्सकीय कागजात विभाग में जमा होते हैं और उसके बाद अधिकारी द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए भेजे जाते हैं, परंतु यहां का हाल यह है कि महीना तक यह कागजात यहां धुल फांकते रहते हैं। दर्जनों चक्कर के बाद अगर कागज को अप्रूवल के लिए दूसरे विभाग भेज दिया जाता है तो वहां से वापस लाने में हफ्तों लगाए जाते हैं। जब भी रिटायर्ड वृद्ध कर्मचारी या उसका आश्रित कार्यालय जाता है या दूरभाष पर बात करना चाहता है तो उसे कभी भी सही और सटीक जवाब नहीं दिया जाता। इन कर्मचारियों की कार्यशैली को देखकर ऐसा लगता है कि उनके अंदर की मानवता मर चुकी है। मानवता को शर्मसार करने वाली यह कोई पहली घटना नहीं है।
इस कार्यालय में आपके करीब करीब हर पटल पर ऐसा देखने को मिल जाएगा, क्योंकि यहां के आला अधिकारी यहां की समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। अगर कोई फोन कर बात भी करना चाहे तो महोदय का फोन उठाता नहीं और अगर उठ भी गया तो उनसे बात नहीं हो पाती है, कारण क्या है यह बताने वाला कोई नहीं, परंतु यह बात सत्य है कि कर्मचारियों अधिकारियों की मनमानी के चलते रिटायर्ड कर्मचारी व उनके आश्रित जो की वृद्ध हैं को यहां तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/देवनन्दन /मोहित