धूमधाम से मना कुर्मांचल मण्डल सांस्कृतिक संगठन का वार्षिकोत्सव

हरिद्वार, 30 अप्रैल (हि.स.)। कुर्मांचल मण्डल सांस्कृतिक संगठन का वार्षिकोत्सव भेल सामुदायिक केंद्र में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में बच्चों ने शानदार रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मुख्यातिथि प्रोफेसर डॉ. नर्मदा रावत ने कहा कि कुमाऊं की संस्कृति का अलग ही महत्व है। तीज, त्यौहार, खानपान, रहन-सहन की यह साझा संस्कृति विदेशों में भी उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही है। कुमाऊंनी गीत, गाथाएं, प्रथाओं को आदर के साथ विदेशी लोग भी अपना रहे हैं। हरिद्वार शहर में भी लोक संस्कृति की यह बयार पिछले बीस पच्चीस वर्षों से अनवरत बह रही है। इसके लिए कुर्मांचल मण्डल द्वारा किये जा रहे प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं।

विशिष्ट अतिथी मनोज गहतोड़ी ने अपने सम्बोधन में पहाड़ में तेजी से हो रहे परिवर्तन पर सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने कहा कि पहाड़ के लोगों का जीवन पहाड़ जैसा ही होता है। संघर्ष से मिली सफलता का अहसास पहाड़ में जन्म लेने वाले जनमानस में सर्वत्र दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि हमारी लोक संस्कृति ही हमारी पहचान है। इस पहचान को बनाये रखने की जिम्मेदारी सभी की है। पिछले वर्षों में तेजी से पहाड़ी संस्कृति को बदलते हुए देखा गया है। लोक के लिए गीत, झोड़े, चांचरी गाने वाले लोकगायकों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन न मिल पाने के कारण उनकी स्थितियां ठीक नहीं हैं, जो चिंता का विषय है। संगठन के वरिष्ठ संरक्षक पूर्व सभासद जगत सिंह रावत ने कहा कि हम सभी को एक दूसरे के सुख दुःख में निरंतर सहयोग करने के लिए आगे आने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर कुर्मांचल मण्डल के अध्यक्ष भूपेश पांडे, उपाध्यक्ष अमरपाल सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनन्द सती, महासचिव बलबीर सिंह, सांस्कृतिक सचिव खीम सिंह, कोषाध्यक्ष जीवन पांडे, संरक्षक उमराव सिंह मनराल, शेर सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / रजनीकांत

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