सहारनपुर चुनाव प्रचार में अभी तक सबसे आगे हैं भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा

सहारनपुर, 09 अप्रैल (हि.स.)। सहारनपुर लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के लिए अब मात्र 9 दिन शेष रह गये हैं लेकिन एक तरफ जहां सहारनपुर नगर, सहारनपुर देहात, रामपुर मनिहारान, देवबंद व बेहट विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टियों के चुनाव प्रचार की गति बहुत धीमी नजर आ रही है । वहीं दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी राघव लखन पाल शर्मा का प्रचार पूरी गति से चल रहा है। जनता का समर्थन व प्रेम भी उन्हें भरपूर प्राप्त हो रहा है।

बसपा प्रत्यासी माजिद अली एवं इंडी गठबंधन प्रत्याशी इमरान मसूद का चुनाव प्रचार उस गति तक नहीं पहुंच पाया जो गति आवश्यक है। कई क्षेत्रों में जब मुस्लिम मतदाताओं से चुनाव पर बात की गई तो कुछ ने तो खुलकर इमरान मसूद को अपनी पसंद बताया और कुछ ने माजिद अली को लेकिन कुछ ने माजिद अली के नाम पर कहा कि देवबंद के लोग जानते होंगे उन्हें पर हमने अपने इलाके में तो उनकी राजनीतिक गतिविधियां कभी देखी नहीं। यानि कि बसपा व इंडी गठबंधन प्रत्याशी को लेकर मुस्लिम मतदाताओं में अभी तक कोई एकतरफा रूझान नहीं है।

बसपा प्रत्याशी की पूरे लोकसभा क्षेत्र में नही है पहचान

वर्तमान बसपा प्रत्याशी माजिद अली व सहारनपुर के वर्तमान सांसद हाजी फजलूर्रहमान में बड़ा अन्तर नजर आता है। हाजी फजलूर्रहमान का मुस्लिमों मे अच्छा खासा प्रभाव होने के साथ साथ उनसे लोकसभा क्षेत्र के सभी मुस्लिम भलीभाँति परिचित हैं। जबकी माजिद अली के पास यह मुख्य लाभ नहीं है।

इमरान रहते हैं अपने उल्टे सीधे बयानो के कारण वायरल

इंडी गठबंधन प्रत्याशी इमरान मसूद राजनीति के अच्छे खिलाड़ी तो हैं लेकिन उनके चाचा मरहूम काजी रशीद मसूद जैसी लोकप्रियता व स्वीकार्यता अभी उनके पास नहीं है। उनके बयानों के कारण हिन्दू मतदाता उनसे नाराज रहते हैं यही कारण है कि इमरान मसूद ने सन् 2006 से 2023 तक 7 चुनाव लड़े म लेकिन सन् 2006 में सहारनपुर नगर पालिका चेयरमैन व 2007 में मुजफ्फराबाद से विधायक के अलावा वो सारे चुनाव निरन्तर हारते चले आ रहे हैं।

भाजपा प्रत्याशी राघव हैं बहुत व्यवहारिक व शौम्य स्वभाव के धनी

जबकी भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा ने सन् 2000 से 2019 तक 5 चुनाव लड़े हैं और इनमें 4 चुनाव में उन्होंने विजय प्राप्त की, जिनमे वो 3 बार विधायक एवं 1 बार सांसद निर्वाचित हुए। केवल एक चुनाव सन् 2019 लोकसभा में वह जीत से वंचित रहे। राघव लखनपाल की उनके पिता पूर्व विधायक स्वर्गीय निर्भयपाल शर्मा की ही तरह बहुत साफ छवी मानी जाती है, यही कारण है कि पार्टी ने 2019 मे हार के बावजूद उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहन त्यागी/बृजनंदन

   

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