उत्तर प्रदेश में युवा उद्यमियों के प्रोत्साहन का आधार बनेगी 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना'

-सीएम योगी

ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की थी योजना की घोषणा, 10 वर्षों में 10 लाख एमएसएमई इकाइयों को आर्थिक सहायता

का लाभ पहुंचाने का है लक्ष्य

लखनऊ, 16 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश को 'उद्यम प्रदेश' बनाने और प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के

लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर योगी सरकार अब प्रदेश में नए सूक्ष्म उद्यमों की

स्थापना के लिए विस्तृत फ्रेमवर्क पर कार्य कर रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश में सूक्ष्म उद्यम व स्वरोजगार

के नए अवसरों के सृजन व प्रोत्साहन के लिए 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना' को लागू किया जा रहा है।

उल्लेखनीय

है कि 78वें

स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीएम योगी ने इस योजना की घोषणा करते हुए 10 वर्षों में 10 लाख एमएसएमई इकाइयों को आर्थिक सहायता

पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यह योजना एक ओर नौकरी के बजाए उद्यम स्थापित करने व

स्वरोजगार के लिए इच्छुक युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में सार्थक

होगी, वहीं

दूसरी ओर इससे प्रदेश में प्रति वर्ष 1 लाख नए सूक्ष्म उद्योगों के स्थापित

होने का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे कुल मिलाकर प्रदेश में 50 लाख से अधिक युवाओं के रोजगार सृजन का

अवसर उपलब्ध होगा, जिससे

प्रदेश में रोजगार व उद्यमिता के नए अवसरों के विकास को बल मिलेगा। उल्लेखनीय है

कि सीएम योगी की मंशानुरूप प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना, संचालन व प्रोत्साहन के लिए एक हजार

करोड़ रुपये का बजट अनुमोदित किया गया है।

सालाना एक

लाख युवाओं को ऋण उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगी योजना

मुख्यमंत्री

योगी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना' की घोषणा करते हुए युवाओं को भारत के

विकास की धुरी कहा था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि हमारा युवा प्रतिभाशाली

है, ऊर्जा से

भरपूर है और विकसित भारत के निर्माण के लिए इन युवाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण

है। इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा और रोजगार पर विशेष ध्यान दे रही है। ऐसे में, योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष एक लाख

युवाओं को बैंकों से ऋण दिलाकर वित्तीय अनुदान दिया जाएगा, जिससे प्रतिवर्ष प्रदेश में एक लाख

सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। इस प्रकार, अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को सूक्ष्म उद्योगों व

स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है तथा इससे कुल मिलाकर 50 लाख से अधिक युवाओं के रोजगार सृजन का

अवसर उपलब्ध होगा।

मार्जिन

मनी पर भी मिलेगी सब्सिडी

उत्तर

प्रदेश के 21 से 40 वर्ष तक के निवासियों को मुख्यमंत्री

युवा उद्यमी विकास योजना का लाभ मिलेगा। योजना के अंतर्गत न्यूनतम शैक्षिक पात्रता

आठवीं पास या समकक्ष रखी गई है। साथ ही, कौशल संबंधी सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा व डिग्री धारकों को वरीयता दी

जाएगी। सामान्य वर्ग के साथ ही महिला दिव्यांगजन तथा ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के पुरुष-महिलाओं को

उद्यम स्थापित करने पर अनुदान देने का योजना में प्रावधान है। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने मार्जिन मनी पर भी

सब्सिडी देने के भी निर्देश दिए हैं। आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन माध्यम से ही

प्राप्त कर बैंकों को प्रेषित किया जाएगा।

डिजिटल

ट्रांजैक्शन पर अनुदान का प्रावधान

द्वितीय

चरण में उद्योग व सेवा क्षेत्र में अधिकतम 10 लाख रुपए का प्रावधान है। ऋण के ब्याज

उपादान व सीजीटीएमएसई कवरेज की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी। वहीं, डिजिटल ट्रांजैक्शन पर विशेष

प्रोत्साहन दिया जाएगा।

मिशन मोड

में होगा योजना का क्रियान्वयन

योजना के

क्रियान्वयन को मिशन मोड में लागू किया जाएगा जिसमें जनपद स्तर पर जिला कार्यक्रम

प्रबंधन इकाई, राज्य

स्तर पर राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई, उच्च स्तर पर राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति

तथा राज्य स्तरीय शासकीय समिति (गवर्निंग कमेटी) योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित

करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला / राजेश

   

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