मत्स्य संरक्षण के लिए सिफरी ने सिरसा के गंगा नदी में मछलियों को छोड़ा

प्रयागराज, 11 मई (हि.स.)। भारत सरकार के नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी) द्वारा गंगा के मत्स्य विविधता को पुनर्स्थापित एवं संवर्धित करने के लिए सिरसा के गंगा नदी में 15 हजार मछलियों के छोटे बच्चे को छोड़ा गया।

इस अवसर पर भारतीय प्रमुख कार्प कतला, रोहू, मृगल मछलियों के बड़े अंगुलिकाओं को छोड़ा गया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के अन्तर्गत यह कार्यक्रम सिरसा के श्रीराम प्रताप इंटर कॉलेज पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के केन्द्राध्यक्ष डॉ डीएन झा ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और नमामि गंगे परियोजना के बारे में जानकारी दी। इसके अन्तर्गत गंगा एवं इसकी सहायक नदियों में कम हो रहे महत्वपूर्ण मत्स्य प्रजातियों के बीज का रैंचिंग होना रखा। साथ ही लोगों को गंगा के जैव विविधता अैर स्वच्छता के बारे में जागरूक किया।

मुख्य अतिथि शिव प्रकाश पाठक प्रधानाचार्य श्रीराम प्रताप इंटर कॉलेज सिरसा ने गंगा की आवश्यकता और हमारे कर्तव्य पर बताया। विशिष्ट अतिथि राजेश शर्मा संयोजक गंगा विचार मंच राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा के स्वच्छता के लिए किए जाने वाले कार्य एवं सवधानियों को बताया।

इस अवसर पर बृज बलि सिंह शिक्षक प्रतिनिधि के रूप में सभा में अपनी बातों को रखा और सभी ने गंगा के प्रति जागरूक होने के साथ ही गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प व्यक्त किया। कार्यक्रम में गंगा विचार मंच, श्रीराम प्रताप इंटर कॉलेज आदि के साथ साथ आस-पास गाव के मत्स्य पालक, मत्स्य व्यवसायी तथा गंगा तट पर रहने वाले स्थानीय मौजूद रहे। राजेश शर्मा ने नमामि गंगे के अंर्तगत गंगा स्वच्छता का संकल्प कराया।

अन्त में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ वेंकटेश ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हम इस परियोजना के उद्देश्यों को पाने में सफलता प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ विकास कुमार, जितेंद्र कुमार शोधार्थी, डॉ रईस भट्ट, डॉ संदीप मिश्रा, डॉ पारगी, आशीष कुमार, अर्पिता पटेल, रामभजन वर्मा, जितेंद्र कुमार, राम सजीवन, रवि कुमार, उग्रेश सिंह, रमा शंकर यादव, राज नारायण आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्याकान्त/आकाश

   

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