अत्याचार बढ़ने पर मानवता की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं भगवानः रविशंकर

हरिद्वार, 14 मई (हि.स.)। श्री गुरु सेवक निवास उछाली आश्रम में जारी श्रीमद् भागवत सप्ताह यज्ञ के पाचवें दिन कथा व्यास आचार्य रवि शंकर ने कृष्ण की बाल लीलाओं से श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया।

उन्नीसवीं गुरु स्मृति महोत्सव के तहत जारी भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में पांचवे दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर आचार्य रवि शंकर ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि जब-जब पृथ्वी पर आसुरी शक्तियों का आतंक और अत्याचार बढ़ता है। तब-तब मानवता की रक्षा के लिए भगवान अवतार लेकर पृथ्वी पर आते हैं। कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान नारायण ने श्रीकृष्ण के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया। कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के अनेक प्रत्यन किए। श्रीकृष्ण को मारने के लिए उसने पूतना समेत अनेक राक्षसों का भेजा। लेकिन श्रीकृष्ण की लीलाओं से पार नहीं पा सके। श्रीकृष्ण ने कंस और उसके राक्षसों का वध कर मानवता को अत्याचारों से मुक्ति दिलायी।

उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष श्री महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि भक्त और भगवान की कथा श्रीमद्भागवत कथा को पांचवा वेद कहा गया है। भागवत कथा श्रवण के प्रभाव से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पवित्र बैसाख मास में खासतौर पर गंगा तट पर संतों के सानिध्य में श्रीमदभागवत कथा के श्रवण से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जिससे सभी इच्छाओं का पूरा किया जा सकता है।

श्रीमहंत विमल दास महाराज, बापू शासन गिर गुजरात, श्रीमहंत प्रेमानंद महाराज उड़ीसा ब्रहमपुर, सुंदर राम दास महाराज, हेमंत कश्यप महाराज रतलाम एमपी संतों ने भी श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान किए। इस अवसर पर श्रीमती चांद, ब्रज मोहन सेठ, श्रीमती श्वेता, नितिन सेठ सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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