नैनीताल-हल्द्वानी के बीच के स्थानीय लोगों के लिये सीजन में नहीं रुक रहीं रोडवेज की बसें

नैनीताल, 21 मई (हि.स.)। ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन में जहां सरोवरनगरी में सैलानी उमड़ रहे हैं और इससे खासकर पर्यटन नगरी सरोवर नगरी नैनीताल सहित अन्य निकटवर्ती पर्यटन स्थलों पर रौनक है और पर्यटन व्यवसायी खुश हैं, वहीं नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच के स्थानों पर रहने वाले और नैनीताल या हल्द्वानी में नौकरी करने वाले लोग इन दिनों एक अलग परेशानी से परेशान हैं। इसका कारण नैनीताल-हल्द्वानी के बीच के स्थानीय लोगों के लिये सीजन में रोडवेज की बसों का नहीं रुकना है।

दरअसल नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच के काठगोदाम, रानीबाग, भुजियाघाट, डोलमार, दोगांव, आम पड़ाव, ज्योलीकोट, बेलुवाखान, बल्दियाखान, रूसी व ताकुला आदि के बड़ी संख्या में निवासी नैनीताल या हल्द्वानी में छोटी-छोटी नौकरियां करते हैं, और रोडवेज यानी उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों पर यात्रा के लिये पूरी तरह से निर्भर हैं। इसके लिये उन्होंने मासिक पास भी बनाये और पास के लिये अग्रिम भुगतान भी किया है। लेकिन रोडवेज की बसें स्टेशन से भी भरकर चलने की वजह से इन दिनों बीच के यात्रियों के लिये नहीं रुक रही हैं। परेशानी यह भी है इस यात्रा मार्ग पर जीप-टैक्सी जैसी अन्य कोई दूसरा परिवहन साधन भी उपलब्ध नहीं है। इसलिये इस यात्रा मार्ग पर सुबह 10 बजे से पहले नैनीताल और हल्द्वानी पहुंचने के लिये अतिरिक्त बसें चलाये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

नैनीताल-कैंची के बीच भी बसें चलाये जाने की जरूरत

नैनीताल नगर का पर्यटन पिछले 1-2 वर्षों से काफी हद तक कैंची धाम पर निर्भर हो गया है। कैंची धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु जरूर नैनीताल आना चाहते हैं और नैनीताल आने वाले सैलानी कैंची धाम भी जाना चाहते हैं। यह स्थिति पूरे वर्ष रह रही है। ऐसे में नैनीताल-कैंची धाम के बीच नियमित शटल बस सेवा चलाये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। बसों के चलने से इस मार्ग पर अन्य छोटे वाहनों की अधिकता की वजह से लगने वाले जाम को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

तीक्ष्ण चढ़ाई वाले संकरे मार्गों पर टैक्सियां खड़ी कर रहीं समस्याएं-

नैनीताल नगर के चार्टन लॉज व मुख्य डाकघर वाले तीक्ष्ण चढ़ाई वाले व संकरे मार्गों पर टैक्सी वाहन खड़े होकर समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। इनकी वजह से इन मार्गों पर वाहनों के आवागमन में समस्या आ रही है। इस समस्या के उठने पर पुलिस की कार्रवाई इन टैक्सी वाहनों की जगह स्थानीय वाहनों पर हो रही है, क्योंकि इनका नेटवर्क इतना तेज है कि इन्हें पुलिस की कार्रवाई का पहले ही पता चल जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. नवीन जोशी/रामानुज

   

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