पिंडर नदी का पानी बढ़ा, नदी पर बने कच्चे पुल पर बना खतरा

गोपेश्वर, 29 मई (हि.स.)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड के ओडर सहित एक दर्जन गांवों के सामने पिछले दस सालों से आवाजाही की समस्या बनी हुई है। वर्तमान समय में आये दिन हो रही बारिश से पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। इससे पिंडर नदी पर बने कच्चे पुल पर खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर आवाजाही करने को मजबूर हैं।

पिछले दस वर्ष से यहां यही समस्या बनी है। आवाजाही के लिए लोनिवि की ओर से यहां पर लगायी गई ट्राली भी पिछले लम्बे समय से खराब चल रही है। झूला पुल का टेंडर पड़े सालभर होने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है। सरकार के खिलाफ ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी जताई है।

लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता दिनेश गुप्ता ने कहा है कि पिंडर नदी का पानी बढ़ रहा है। ओडर और हरमल ट्राली चलाने का टेंडर प्रक्रिया लगा दी है। बरसात का मौसम अमूमन 15 जून से 15 सितम्बर तक होता है। जल्दी ट्राली शुरू कर दी जाएगी।

क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गडिया ने बताया है कि वर्ष 2013 की आपदा में पिंडर नदी पर बना झूला पुल बह गया था। कुछ समय बाद लोनिवि थराली ने इस स्थान पर हाइड्रोलिक ट्राली लगाई जो अक्सर खराब ही रहती है। जो पिछले छह माह से अब पूरी तरह से ठप पड़ी है। दस वर्षों से ग्रामीण आवाजाही के लिए हर वर्ष नदी में श्रमदान से लकड़ी का कच्चा पुल बनाते हैं। जो जून की भारी बारिश में बह जाता है। फिर वर्षा खत्म होने के बाद फिर से बनाते हैं।

गांव के प्रधान खीम राम नंदन सिंह, महेशानंद पयाल, महावीर सिंह, मोहन प्यार, खीमानंद दरवान सिंह, सन्तोष ने कहा कि ग्रामीण लगातार बहे पुल के स्थान पर झूला पुल बनाने की मांग उठाते आ रहे हैं। यूजीआरआईडीपी देहरादून के निदेशक के माध्यम से चार जून 2023 को पुल का टेंडर विश्वबैंक को मिला है। एक वर्ष गुजरने के बाद भी झूला पुल का काम शुरू नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने पुल का काम शीघ्र शुरू करने की मांग उठाई है।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/सत्यवान/वीरेन्द्र

   

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