मुजफ्फरपुर चर्चित सुनीता किड़नी कांड में हुआ झोला छाप डॉक्टर को सजा और आर्थिक दंड

मुजफ्फरपुर, 19 जून (हि.स.)। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल की विशेष कोर्ट (SC/ST एक्ट) ने पवन कुमार को 7 साल जेल की सजा सुनाई है। 18 हजार का जुर्माना भी लगाया है। दर्दनाक आप बीती बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरियारपुर के सकरा थाना के तहत आने वाले गांव बाजी राउत की सुनीता की है, जिसकी दोनों किडनियां निकालकर पवन कुमार ने बेच दी थी। सुनीता की जिंदगी आज डायलिसिस के सहारे चल रही है, हालांकि वह किडनी ट्रांसप्लांट करानी चाहती है।

विशेष लोक अभियोजक (SC/ST एक्ट) जयमंगल प्रसाद ने बताया कि किडनी कांड का मुख्य आरोपी डॉ. आरके सिंह फरार है। उसके विरुद्ध कुर्की की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। विशेष कोर्ट ने उसके मामले को अलग कर दिया है।

साल 2022 का है मामला

बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लीनिक में पेट में दर्द की शिकायत पर 11 जुलाई 2022 को सुनीता का उपचार शुरू हुआ था। गर्भाशय में कमी बताते हुए पवन ने उसे निकालने के लिए ऑपरेशन कराने की सलाह दी। इसके लिए उसने 20 हजार रुपये जमा कराए गए थे।

इसके बाद 3 सितंबर 2022 को सुनीता का गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था, जिस क्लीनिक में ऑपरेशन हुआ। उसका डॉक्टर पवन कुमार था, जो पुलिस जांच में झोलाछाप डॉक्टर निकला। ऑपरेशन के बाद 5 सितंबर 2022 को सुनीता की तबियत खराब हुई तो उसे श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल लाया गया। 7 सितंबर 2022 को जांच के बाद पता चला कि उसकी दोनों किडनियां निकाल ली गई हैं। इस वजह से उसकी डायलिसिस करना पड़ा, जो आज तक चल रहा है।

फल बेचता था पवन फिर बन गया डॉक्टर

मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। वहीं पुलिस जांच में पता चला कि पवन कुमार के पास डॉक्टरी की डिग्री नहीं थी। उसके पास MBBS की डिग्री नहीं थी। पवन का फल बेचने का बिजनेस करता था लेकिन ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में एक झोलाछाप डॉक्टर आरके सिंह के कॉन्टैक्ट में आया। उसने पवन से कहा कि क्लिनिक खोल लो, डॉक्टर रख लो, बहुत पैसा है। फिर पवन और आरके सिंह ने क्लिनिक खोल लिया। फर्जी डॉक्टर बन गए, मरीजों को देखने और ऑपरेशन करने की प्रैक्टिस करने लगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ मनोज/चंदा

   

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