हिन्‍दू परिवार के दरवाजे पर लगता है ताजिया का मेला, हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल है ढेबवा गांव

गोपालगंज, 17 जुलाई (हि.स.)। हिन्‍दू मुस्‍मिल एकता की मिसाल देखनी हो तो बिहार के गोपालगंज जिले के ढेबवा गांव में आइए। जी हां, यहां कई दशकों से एक हिन्‍दू परिवार के दरवाजे पर ताजिये का मेला लगता है। यही नहीं हिन्‍दू परिवार के लोग ही इस ताजिये के मेले की पूरी व्‍यवस्‍था करते है, जहां एक तरफ हिन्‍दू मुसलमान को लेकर तरह तरह की बातें होती हैं। वहीं इस गांव की सदियों से चली आ रही यह परंपरा एक मिसाल कायम कर रहा है। इस साल भी यहां कई गांवों के ताजिये रखे गए।

ढेबवा गांव जिला मुख्यालय से 30 किमी की दूरी पर स्‍थित है। गांव के लोगों की मानें तो यहां के स्‍व बद्रीनाथ सिंह के दरवाजे पर करीब नौ दशक पहले से ताजिये का मेला लगता आ रहा है। यहां स्वयं शीतला प्रसाद सिंह का परिवार अपने दरवाजे पर ताजिये का मेला लगवाता था। शीतला बाबू के निधन के बाद यह जिम्‍मेदारी उनकी पत्‍नी राजकल्ली देवी ने निभाई और यह परंपरा अब तक जारी है। इसके बाद उनके बेटे स्‍व ब्रदी प्रसाद नारायण सिंह की देख रेख में यह आयोजन होता रहा। उनके निधन के बाद अब बद्री बाबू की अगली पीढी जगदंबा सिंह, दिवाकर सिंह आगे बढा रहे हैं।

उनके साथ ही परिवार की पांचवीं पीढी प्रभाकर सिंह, सुधाकर सिंह गुडडू सिंह, विरेंद्र सिंह आदि भी बढ चढकर हिस्‍सा ले रहे हैं।हर साल की तरह इस वर्ष भी यहां मुहर्रम के ताजिये का मेला आयोजित किया गया, जिसमें 10 गांवों के लोग हिस्‍सा लेते हैं। इस साल भी मेले की व्‍यवस्‍था में मोती साह, सुरेंद्र बरनवाल, अभिषेख मिश्रा, अर्जुन राय, रुनझुन तिवारी, मंजूर मिया आदि जुटे रहे और कार्यक्रम को सफल बनाया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra / चंदा कुमारी

   

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