बीएचयू में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन हार्डवेयर संस्करण शुरू, विद्यार्थियों काे मिली प्रभावी हार्डवेयर समाधान विकसित करने की प्रेरणा

—दो नोडल सेंटर हेड होने वाले ग्रैंड फिनाले की निगरानी करेंगे

वाराणसी,08 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू)के प्रबंध अध्ययन संस्थान परिसर के प्रबंध भवन में सोमवार को आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2025 - हार्डवेयर एडिशन (लोकल सेंटर) का उद्घाटन हुआ। संस्थान परिसर में नवाचार, रचनात्मकता और समस्या-समाधान की सप्ताह भर चलने वाली गतिशील यात्रा की शुरुआत हुई। बीएचयू नोडल सेंटर पर 12 दिसंबर तक यह कार्यक्रम चलेगा। कार्यक्रम में विद्यार्थी इनोवेटर, मेंटर और विशिष्ट जनों ने पूरे उत्साह के साथ भागीदारी की।

कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो. आशीष वाजपेई ने स्वागत भाषण देने के साथ युवा प्रतिभाओं में नवाचार को बढ़ावा देने में हैकथॉन के महत्व को बताया। केंद्र प्रमुख अमोघ बाबू के. ए. और शिवेंद्र मणि त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया और देशभर से आए समन्वयकों, मेंटर्स और प्रतिभागियों के योगदान की सराहना की। समारोह में विश्वविद्यालय के कुलगुरू (रेक्टर) प्रो. संजय कुमार ने विद्यार्थियों को इस मंच का उपयोग वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए प्रभावी हार्डवेयर समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने भाग लेने वाली टीमों की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। नोडल प्रभारी प्रो. पी. वी. राजीव ने सभी अतिथियों, आयोजकों, मेंटर्स और विद्यार्थी टीमों के प्रति आभार जताया।

बताते चले कार्यक्रम के दौरान ऊर्जा और उत्साह से भरे हॉल में टीमें विशेषज्ञ मेंटर्स के मार्गदर्शन में अगले कुछ दिनों तक कोडिंग, निर्माण और हार्डवेयर प्रोटोटाइप पर काम करने की तैयारियों में जुटे रहेंगे। इस आयोजन के लिए बीएचयू को देश के प्रतिष्ठित नोडल संस्थानों में चुना गया है। इस हार्डवेयर हैकथॉन में भाग ले रहे कुल 142 प्रतिभागी-जिनमें देशभर से आए 120 विद्यार्थी और 22 मेंटर्स शामिल हैं। टीमें दो समस्या कथनों पर काम करेंगी, जो कि मरीन लिविंग रिसोर्सेज एंड इकोलॉजी केंद्र और केरल ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता एजेंसी द्वारा प्रदान किए गए हैं। ये चुनौतियाँ समुद्री पारितंत्र, जल आपूर्ति और ग्रामीण स्वच्छता से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित हैं। प्रत्येक समस्या कथन के लिए चार विशेषज्ञ जूरी सदस्य प्रोटोटाइप का मूल्यांकन करेंगे। कई समीक्षा चरणों के दौरान टीमों का मार्गदर्शन करेंगे। दो नोडल सेंटर हेड बीएचयू में आयोजित होने वाले ग्रैंड फिनाले की निगरानी करेंगे, जिससे प्रतिभागियों, जूरी सदस्यों, मेंटर्स और मंत्रालय के प्रतिनिधियों के बीच सुचारू समन्वय सुनिश्चित हो सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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