हुसैनाबाद में प्रत्याशियों में हार-जीत के आकलन की होड़, 23 नवंबर को ईवीएम खोलेगी रहस्य
- Admin Admin
- Nov 14, 2024
पलामू 14 नवंबर (हि.स.)। विधानसभा चुनाव में हुसैनाबाद में पहले चरण में वोटिंग के बाद प्रत्याशी और उनके समर्थक हार जीत के आकलन में जुट गए हैं। दो प्रमुख गठबंधन दलों इंडिया और एनडीए के उम्मीदवार जीत के दावे कर रहे हैं।
भाजपा के प्रत्याशी कमलेश कुमार सिंह मोदी लहर में जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे हैं तो राजद प्रत्याशी संजय कुमार सिंह यादव महिलाओं का वोट प्रतिशत ज्यादा होने के बाद हेमंत सरकार का जादू चलने की बात को लेकर जीत का दावा कर रहे हैं। भाजपा के बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह ने असली-नकली भाजपाई का राग छेड़कर दलीय प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी है। उधर, पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता हाथी पर सवार होकर विधानसभा पहुंचने की बात कर रहे हैं। खैर परिणाम तो 23 नवंबर को ईवीएम खुलने के बाद ही पता चलेगा। किन्तु इसके बावजूद मतदान समाप्त होने के साथ ही राजनीतिक दल एवं स्वतंत्र प्रत्याशियों के कार्यकर्ता अब बेरोजगार हो जाने की स्थिति में जीत हार का आकलन करने लगे हैं। चौक-चौराहों पर भी हार जीत के गणित की चर्चा आम है।
दरअसल, हुसैनाबाद में वोटिंग संपन्न के बाद जो वर्ष 2014 का ट्रेंड उभरकर सामने आ रहा है, उससे कई प्रमुख उम्मीदवारों की धड़कने तेज होना स्वाभाविक है। मतदान संपन्न होने के बाद से चुनावी मुकाबले के मुख्य प्रत्याशी हार-जीत का आंकड़ा निकालने में लगे हैं। कोई जातिगत वोट के आंकड़ों के आधार पर तो कोई अपनी पार्टी के जनाधार पर, तो कोई अपनी स्वच्छ छवि के आधार पर वोट मिलने का दावा कर रहे हैं। उनके द्वारा मतदान केंद्रवार पक्ष एवं विपक्ष में पड़ने वाले मत का आंकड़ा निकाला जा रहा है। मोबाइल के माध्यम से अपने समर्थकों से संपर्क स्थापित कर जानकारियां प्राप्त की जा रही है।
मतदान के बाद सभी प्रत्याशी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन मतदाताओं ने जीत का सेहरा किसे बांधा है। इसका फैसला, तो ईवीएम खुलने के बाद ही होगा। मतदान से पहले जहां प्रत्याशी मतदाताओं को मनाकर अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए मेहनत करते रहे। वहीं अब मतदान होने के बाद उन्होंने केंद्रों पर डाले गए वोटों के रिकार्ड मंगवाने शुरू कर दिए हैं। प्रत्याशियों ने मतदान संपन्न होने के साथ ही बुधवार की शाम को ही अपने-अपने समर्थकों से उनके केंद्रों पर पड़े वोट का पूरा रिकार्ड मंगवाया है, ताकि उससे यह अंदाजा लगाया जा सके कि किस केंद्र पर कितने वोट डाले गए हैं और उनमें कितने वोट उन्हें और कितने अन्य प्रत्याशियों को मिले हैं।
हुसैनाबाद के अम्बेडकर चौक के समीप अवस्थित भरत जी की चाय दुकान और जेपी चौक स्थित मनोज होटल पर लोगों द्वारा चाय की चुश्कि के साथ पहले जहां प्रत्याशियों के बारे में चर्चा होती थी। अब हार-जीत की ही बाजी लगनी शुरू हो गयी है। इंडिया गठबंधन के समर्थक नेहाल असगर अब यह चर्चा कर रहे हैं कि यूपी के बुलडोजर बाबा का यह नारा 'बंटेंगे तो कटेंगे' उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ है। साथ ही असम के सीएम हिमंता विस्वा सरमा ने अपने भाषण में जो 'हुसैन कौन है?' का सवाल किया था, उसका जवाब भी वोट से जनता ने दे दिया है।
भाजपा के बागी व निर्दलीय प्रत्याशी विनोद सिंह के समर्थक मुजाहिद का कहना है कि बीजेपी के प्रदेश नेता बाहरी खिलाड़ी को चुनावी मैदान में उतारकर मैच जीतने का जो सपना देख रहे थे, वह सपना टूट गया है, जिसपर 23 नवंबर को चुनाव आयोग की मुहर लग जायेगी। वहीं दूसरी ओर एनडीए के समर्थकों का कहना है कि मोदी का जादू जोर से चला है, जो विरोधियों को दिखाई नहीं पड़ रहा है।
भाजपा के एक समर्थक गुड्डू सिंह का कहना है कि हरियाणा की तरह जब एनडीए बहुमत का जादुई आंकड़ा पार करेगा तो फिर इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम का रोना रोने लगेंगे। बहरहाल हुसैनाबाद के चौक-चौराहों एवं गांव के चौपाल पर अब सुबह-शाम हार-जीत का ही गुणा-भागा किया जा रहा है। कुछ लोग उदास मन से चर्चा से खीझकर कहते हैं कि कोई जीततव तो अपने पेट भरतव, कौनो हमनी के कुछ न देतथू।
इसी चुनावी चर्चा के बीच एक पत्रकार बंधु कहते हैं कि चुनाव आयोग द्वारा एक्जिट पोल पर तो रोक है, लेकिन इतना तय है कि हुसैनाबाद का रिजल्ट हमेशा अजूबा रहता है। इस कारण राज्य में जिस पार्टी की सरकार बनेगी, उसके ठीक विपक्षी पार्टी के प्रत्याशी की जीत होगी। ---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार