गांधी जयंती पर बड़ा निर्णय, नई मूर्ति के लिए हटाई जाएगी पुरानी

नैनीताल, 2 अक्टूबर (हि.स.)। गांधी जयंती के अवसर पर प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। नगर के तल्लीताल डांठ पर स्थित महात्मा गांधी की काले रंग की प्रतिमा, जो हाथ में छड़ी लिए खड़ी है, हटाई जाएगी। इसके स्थान पर नई चरखा कातती हुई बैठी हुई प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

स्थानीय विधायक सरिता आर्य, व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। नई प्रतिमा 1 टन से अधिक वजन की और 6-7 फीट ऊंची अष्टधातु की होगी। गांधी जी को चरखा कातते हुए दर्शाने वाली इस मूर्ति के नीचे ग्रेनाइट के पत्थर युक्त रैंप बनाया जाएगा, जहां लोग बैठकर गांधी जी के साथ नैनीताल की झील और नगर के फोटो ले सकेंगे। इसके किनारे पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ और विकलांगों के लिए रैंप भी होगा, लेकिन इस पर वाहनों का प्रवेश नहीं होगा।

गांधी जी की मौजूदा मूर्ति को नगर के सात प्रमुख चौराहों के चौड़ीकरण की प्रक्रिया के तहत हटाया जा रहा है, क्योंकि यह वाहनों के आवागमन में बाधा बन रही है। इसे निकटवर्ती ग्राम गांधी ग्राम ताकुला में गांधी मंदिर के पास स्थानांतरित किया जाएगा।

व्यापारी नेता मारुति नंदन साह ने कहा कि नैनीताल की नई मूर्ति गांधी जी के चरखा कातने के साथ-साथ नव सृजन का संदेश भी देगी। उल्लेखनीय है कि इसी तरह की मूर्ति का पिछले वर्ष जी-20 समिट के दौरान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली में शुभारंभ किया गया था।

इसके साथ ही, तल्लीताल डांठ के चौड़ीकरण के प्रक्रिया में सिचाई विभाग का नियंत्रण कक्ष भी हटाया जाएगा। इस स्थान पर बोट स्टैंड के पास कुमाउनी महिला और पुरुष की नैनी झील का दृश्य बाधित न करने वाली आधी पारदर्शी मूर्ति स्थापित करने की योजना है।

गांधी जी की नैनीताल यात्रा को लेकर स्थानीय लोग गर्व करते हैं, जब उन्होंने अपने जीवन के 21 खास दिन कुमाऊं में बिताए थे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

   

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