चंडीगढ़ पहली क्राइम समीक्षा बैठक में डीजीपी के सख्त तेवर:SHO की कार्यशैली पर उठाए सवाल, एक-दो केस दर्ज कर औपचारिकता
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- Dec 19, 2025
चंडीगढ़ में बढ़ते अपराधों को लेकर पहली क्राइम समीक्षा बैठक में डीजीपी डॉक्टर सागर प्रीत हुड्डा का रुख बेहद सख्त रहा। सेक्टर-9 पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान डीजीपी ने साफ कहा कि इलाकों में खुलेआम ड्रग बिक रही है, सट्टा चल रहा है और चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन कई थाना प्रभारी सिर्फ एक-दो केस दर्ज कर औपचारिकता निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले छह महीने से क्राइम की स्थिति को बारीकी से देख रहे हैं, लेकिन हत्या जैसे गंभीर मामलों में भी पुलिस नाकाम नजर आ रही है। वहीं बैठक में डीजीपी ने सवाल उठाया कि सेक्टर-34 पुलिस थाना में इंचार्ज बनने के लिए इंस्पेक्टर सिफारिश क्यों लगवा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि यह थाना आखिर किसकी मिलीभगत से चल रहा है। डीएसपी स्तर के अधिकारियों से जब क्राइम को लेकर सवाल किए गए तो कई जवाब नहीं दे पाए। इस पर डीजीपी ने साफ कहा कि आगे से पूरी तैयारी के साथ मीटिंग में आया जाए। डीएसपी ईस्ट और नॉर्थ को निर्देश दिए गए कि अपने इलाकों में ड्रग की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाए। डीजीपी की थाना प्रभारियों को फटकार...... चौराहों से गायब ट्रैफिक पुलिस: डीजीपी ने ट्रैफिक व्यवस्था पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि चौराहों और ट्रैफिक लाइट प्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिस जवान अक्सर गायब रहते हैं। कई जगह कर्मी तैनात होते हुए भी साइड में बैठे मिलते हैं और बुलाने पर ही सक्रिय होते हैं। डीजीपी ने ट्रैफिक विंग में तैनात सात इंस्पेक्टरों की भूमिका पर भी सवाल उठाए कि वे पूरे दिन आखिर क्या कर रहे हैं। पकड़ने की बजाय CCTV पर दौड़ रही पुलिस: डीजीपी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी वारदात के बाद अपराधी को पकड़ने के बजाय पुलिस सीसीटीवी कैमरों के भरोसे बैठ जाती है। इससे न तो अपराध रुक रहा है और न ही मामलों का समय पर खुलासा हो पा रहा है। क्राइम सॉल्व न होने पर कई थाना प्रभारियों को बैठक में फटकार भी लगाई गई। पैरी हत्याकांड और स्नैचिंग पर सवाल: बैठक में सेक्टर-26 थाना प्रभारी से पैरी हत्याकांड के आरोपियों को अब तक न पकड़ पाने पर जवाब मांगा गया। वहीं, सारंगपुर थाना प्रभारी से स्नैचिंग केस सॉल्व होने की स्थिति पूछी गई, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। सेक्टर-17 थाना प्रभारी को वाहन चोरी के मामलों में कमजोर रिकवरी को लेकर डीजीपी के गुस्से का सामना करना पड़ा। कई मामलों में सिर्फ दो से चार वाहन ही बरामद हो पाए। ड्रग, सट्टा और देर रात क्लबों पर नाराजगी: सेक्टर-39 थाना क्षेत्र में ड्रग तस्करी को लेकर डीजीपी ने कड़ी टिप्पणी की। मलोया थाना प्रभारी से सट्टा चलने की शिकायतों पर सवाल किए गए। इसके अलावा क्लबों में देर रात तक शराब परोसे जाने को लेकर भी जवाब तलब किया गया। हत्या के प्रयास में 107/151 लगाने पर आपत्ति: डीजीपी ने कहा कि कई मामलों में हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं लगाने की बजाय 107/151 के तहत कार्रवाई कर मामले को हल्का कर दिया जाता है, जो पूरी तरह गलत है। साइबर सेल इंचार्ज से भी ठगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सवाल किए गए। डीजीपी ने कहा कि अब तक मुख्य आरोपियों की जगह उनके साथियों को ही पकड़ा गया है। रात में थानों में कौन रहता है मौजूद: डीजीपी ने पूछा कि रात के समय थानों में कौन-कौन सा इंस्पेक्टर मौजूद रहता है। सेक्टर-3 थाना प्रभारी ने बताया कि वह हफ्ते में तीन-चार दिन थाने में ही सोते हैं, जबकि अन्य थानों में रात के समय इंस्पेक्टर की मौजूदगी नहीं पाई गई।



