कलशस्थापन के साथ शारदीय नवरात्र की चहुंओर उत्साहपूर्ण माहौल

मधुबनी, 03 अक्टूबर (हि.स.)। जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण परिवेश में शारदीय नवरात्र दुर्गापूजा में गुरुवार को कलशस्थापन अराधन हुई। पूजा पाठ अराधना अनुष्ठान के साथ ही भगवती महामाया जगदम्बाक आगमन पर चहुंओर उत्साहपूर्ण माहौल दृष्टव्य है।

पूजा पंडालों में दुर्गा ऐली नैहरबा घर- घर पूजा लेती ना लौकिक गीत गायन की सुमधुर स्वर गुंज रहा। ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के निदेशक ज्योतिषाचार्य शिक्षाविद् डा सुनील श्रीवास्तव ने शारदीय नवरात्र नवदुर्गा और नवग्रह उपासना विधान पर विस्तृत व्याख्यान दिया। डा सुनील ने कहा कि तांत्रिक ग्रन्थों में नवदुर्गा नवग्रहों के लिए ही प्रवर्तित हुईं हैं। नौरत्नचण्डीखेटाश्च जाता निधिनाह्ढवाप्तोह्ढवगुण्ठ देव्या । अर्थात् नौ रत्न, नौ ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति, नौ निधि की प्राप्ति, नौ दुर्गा के अनुष्ठान से सर्वथा सम्भव है।

ज्योतिषाचार्य डा सुनील ने कहा कि सूर्य कृत पीड़ा की शान्ति के लिए शैलपुत्री की अराधना कलशस्थापन से शुरू है। चन्द्रमा कृत पीड़ा की शान्ति के लिए ब्रह्मचारिणी,मंगल कृत पीड़ा को चन्द्रघण्टा,बुध कृत पीड़ा की शान्ति के लिए कूष्माण्डा,गुरु कृत पीड़ा के लिए स्कन्दमाता,शुक्र कृत पीड़ा की शान्ति के लिए कात्यायनी, शनि के लिए कालरात्रि,राहु कृत पीड़ा की शान्ति के लिए महागौरी, तथा केतु कृत पीड़ा की शान्ति के लिए सिद्धिदात्री अर्थात् जिस ग्रह की पीड़ा, कष्ट हो उससे संबंधित मां दुर्गा के स्वरूप की पूजा विधि-विधान से करने पर अवश्य ही शान्ति प्राप्त होती है।

सामान्य जीवन में ग्रहों का दुष्‍प्रभाव कम करने के लिए दुर्गा पूजा अनुष्ठान प्रवचन आवश्यक बताया। नवरात्रि पर मां के शक्ति स्‍वरूपों की पूजा की जाती ह‍ै। नवग्रहों के दुष्‍प्रभाव को कम करने के लिए भी मां की विशेष पूजा करने का प्रावधान है।जगदम्बाक नौ शक्तियों को जागृत करने के लिए मंत्र जाप करना आवश्यक बताया। मां दुर्गा की पूजा शक्ति उपासना का पर्व है और माना जाता है कि नवरात्रि में ब्रह्मांड के सारे ग्रह एकत्रित होकर सक्रिय हो जाते हैं I कई बार इन ग्रहों का दुष्‍प्रभाव मावन जीवन पर भी पड़ता है। दुष्प्रभाव से बचने के लिए नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा की जाती है I मां की पूजा करने का विधि-विधान होता है और इस दौरान मां के विशेष मंत्रों का जप करने सै नवग्रह शांत होते हैं।

दुर्गापूजा के अवसर पर विभिन्न पूजा पंडालों की सजावट देखते बनी।जिला के लोहना पंचायत के छूट टोल दुर्गास्थान में प्रसव के दिन ही भगवती का पट खुल जाता।पूजा संचालक भैरव झा चुन-चुन ने कहा कि यहां की परम्परागत पौराणिक व्यवस्था है।अवसर पर पं परशुराम मिश्र,पं गुलाब मिश्र पं हरिश्चंद्र चौधरी पं कुंवर नाथ झा,दमन कुमार गिरिधर व नागेश नाथ बिट्टू उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / लम्बोदर झा

   

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