निरंजनी अखाड़े में श्रद्धा और उल्लास से मनाई भगवान कार्तिकेय जयंती, महंत बलवीर बाेले- धर्म रक्षा में अखाड़ों का हमेशा रहा है योगदान 

हरिद्वार, 07 नवंबर (हि.स.)। तपोनिधि श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के आराध्य एवं इष्ट देव भगवान कार्तिकेय की जयंती सभी तेरह अखाड़ों के संतों के सानिध्य में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। संतों व श्रद्धालुओं ने भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना कर लोक कल्याण की कामना की।

इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि महाराज ने कहा कि अखाड़े के आराध्य परम ज्ञानी शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय की आराधना से सुख-समृद्धि, यश व कीर्ति की प्राप्ति होती है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने सभी को कार्तिकेय जयंती की शुभकामनाएं दी और धर्मानुकुल आचरण करते हुए सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज एवं महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने कार्तिकेय जंयती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य ने अखाड़ों की स्थापना की और धर्म रक्षा के लिए शास्त्र व शस्त्र दोनों को अपनाने का आह्वान किया। उन्हाेंने कहा कि स्थापना के बाद से ही धर्म रक्षा के लिए अखाड़े इस दायित्व को निभा रहे हैं।

वाघम्बरी गद्दी प्रयागराज के महंत बलवीर गिरि ने कहा कि धर्म रक्षा में अखाड़ों का हमेशा ही अहम योगदान रहा है। जब-जब राष्ट्र और धर्म पर संकट आया अखाड़ों ने आगे बढ़कर राष्ट्र और धर्म की रक्षा की। महंत केशवपुरी, महंत नरेश गिरि, महंत दिनेश गिरी एवं महंत गौरीशंकर दास महाराज, श्रीमहंत रामरतन गिरि, महंत दिनेश गिरि, उपमहंत उमेश भारती, स्वामी राज गिरि, उप महंत सुखदेव पुरी, उपमहंत राकेश गिरि ने भी विचार रखे। डा.सुनील बत्रा, अनिल शर्मा ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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