फारबिसगंज/अररिया , 4 नवंबर (हि.स.)।अररिया के फारबिसगंज में सिविल कोर्ट के स्थापना के पहली वर्षगांठ पर सोमवार को बार एसोसिएशन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें क्रिमिनल जस्टिस को लेकर फौजदारी कोर्ट के कार्यारंभ सहित अधिवक्ता के सुरक्षा एवं अधिवक्ताओं के कल्याणकारी योजनाओं को लेकर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्टेट बार काउंसिल के सदस्य एवं वरीय अधिवक्ता राजीव शरण, विशिष्ट अतिथि शारदानन्द मिश्रा, कानूनी सहायता रक्षा परामर्श केंद्र अररिया के चीफ वरीय अधिवक्ता विनय कुमार ठाकुर, फारबिसगंज मुख्य पार्षद वीणा देवी,नरपतगंज के मुख्य पार्षद डा.सन्नू कुमारी,मूलचंद गोलछा,वाहिद अंसारी,रमेश सिंह आदि मौजूद थे।वही, इस कार्यक्रम की अध्यक्षता फारबिसगंज बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चंद्र वर्मा ने की। एसोसिएशन के महासचिव गोपाल प्रसाद मंडल समेत बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आये राजीव शरण ने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस अर्थात फौजदारी न्यायालय के बिना अभी तक फारबिसगंज कोर्ट अपूर्ण है। सारा इंफ्रास्ट्रक्चर रहने के बावजूद केवल कामचलाऊ काम हो रहा है।त्वरित न्याय के उद्देश्य से स्थापित फारबिसगंज सिविल कोर्ट का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने बताया कि पूर्णिया न्यायमंडल में तीन सबडिविजिनल कोर्ट है,जहां एक साल के अंदर न केवल फौजदारी कोर्ट शुरू हुई।बल्कि क्रिमिनल ट्रायल भी चल रहा है।उन्होंने फौजदारी कोर्ट शुरू करने के लिए कहा कि अगर पीआईएल फाइल करने की भी जरूरत होती है तो उसे किया जाए।उन्होंने रामाकांत शर्मा वर्सेज स्टेट ऑफ बिहार मामले में फैसले की जानकारी देते हुए वकालत खाना निर्माण में जिला जज से अनुमोदन करवाकर डीएम और सरकार द्वारा वकालत खाना बनवाने के प्रावधान होने की जानकारी दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Prince Kumar