लैब टू लाइफ पहल के तहत सीएसआईआर ने तीन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता ज्ञापनों पर किए हस्ताक्षर 

गुवाहाटी, 02 दिसंबर (हि.स.)। गुवाहाटी आईआईटी में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के तीसरे दिन लैब टू लाइफ पहल के तहत सीएसआईआर ने स्थिरता और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए तीन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौता ज्ञापन पर्यावरण संरक्षण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग, उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और अभिनव, व्यवहारिक समाधानों के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए सीएसआईर की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।

इन समझौता ज्ञापन के तहत सीएसआईआर-एनआईआईएसटी की बायोडिग्रेडेबल कटलरी प्रौद्योगिकी देवकी इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज, बेंगलुरु को हस्तांतरित किया गया, जिसमें एक रोटरी बायो-डिग्रेडेबल मैन्युफैक्चरिंग मशीन शामिल है। इसके साथ एसआईआर-सीआरआरआई और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय सड़क अवसंरचना अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने के लिए साझेदारी की गई।

सीएसआईआर-आईएचबीटी की लिलियम बल्ब प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी इसे शांशा कट-फ्लावर क्लस्टर, लाहौल और स्पीति में स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे पुष्पकृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

इस मौके पर सीएसआईआर-एनआईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम के निदेशक डॉ सी. आनंदधर्मकृष्णन ने कहा कि युवा वैज्ञानिकों ने पहले ही कॉलेजों में रॉकेट और उपग्रह बनाना शुरू कर दिया है, यह प्रयास व्यावसायिक सफलता के करीब हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत सक्रिय रूप से उपग्रहों का विकास और प्रक्षेपण कर रहा है, जो इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं को दर्शाता है। अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इन प्रगति और अवसरों को समझकर, युवा एक उज्जवल भविष्य को आकार देने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बनाने के लिए आपकी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।

उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी में चार दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का 10वां संस्करण चल रहा है। इसका उद्देश्य युवा और छात्रों को विज्ञान के सभी पहलुओं से अवगत कराना है। इसके साथ छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाना है। इस फेस्टिवल में गुवाहाटी साइंस घोषणा

को भी जारी किया गया जिसके तहत

देश के सभी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों का मिशन 2047 तक भारत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-संचालित वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने के दृष्टिकोण को साकार करना है। संस्थान भारतीय विनिर्माण परिदृश्य को बदलने और विस्तारित करने के लिए इस दिशा में गतिविधियों को संरेखित करेंगे, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की स्थिति बढ़ेगी और विनिर्माण महाशक्ति के रूप में इसकी स्थिति मजबूत होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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