आईपीओ आने के पहले ही विशाल मेगा मार्ट ने ग्रे मार्केट में मजबूत स्थिति बनाई

नई दिल्ली, 09 दिसंबर (हि.स.)। विशाल मेगा मार्ट का आईपीओ 11 दिसंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है, लेकिन इससे पहले ही ग्रे मार्केट में इस शेयर ने मजबूत स्थिति बना ली है। ग्रे मार्केट में ये शेयर आज अपर प्राइज बॉन्ड से 24 रुपये ऊपर पहुंच गया है। यानी इस शेयर पर फिलहाल 30.77 प्रतिशत का ग्रे मार्केट प्रीमियम मिल रहा है। पिछले सप्ताह ग्रे मार्केट में विशाल मेगा मार्ट के शेयर को 13.50 रुपये का ग्रे मार्केट प्रीमियम मिल रहा था। ग्रे मार्केट से मिल रहे संकेतों के आधार पर माना जा रहा है कि विशाल मेगा मार्ट के आईपीओ को इन्वेस्टर्स की ओर से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल सकता है।

विशाल मेगा मार्ट का 8,000 करोड़ रुपये का आईपीओ 11 दिसंबर को खुलने के बाद 13 दिसंबर को बंद होगा। आईपीओ के तहत बोली लगाने के लिए 74 से 78 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि निवेशक 190 शेयर के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। शेयरों का अलॉटमेंट 16 दिसंबर को किया जाएगा। इसके बाद 18 दिसंबर को बीएसई और एनएसई पर इसकी लिस्टिंग होगी। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 1,02,56,41,025 शेयरों की ऑफर फॉर साले विंडो के जरिए बिक्री की जाएगी।

जानकारों का कहना है कि ग्रे मार्केट में विशाल मेगा मार्ट के शेयरों को हाथों हाथ लिया जा रहा है। इससे इस बात का संकेत मिलता है कि आईपीओ को निवेशकों की ओर से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल सकता है। इसके बावजूद निवेशकों को आईपीओ में पैसा लगाने के पहले कंपनी द्वारा सेबी के पास जमा कराए गए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) में उल्लेखित रिस्क फैक्टर का अध्ययन अवश्य करना चाहिए।

आरएचपी के मुताबिक विशाल मेगा मार्ट अपने स्टोर्स में जिन चीजों को भी बेचता है, उनका वो खुद उत्पादन नहीं करता है, बल्कि उनके लिए वो पूरी तरह से थर्ड पार्टी वेंडर्स पर निर्भर करता है। ऐसे में थर्ड पार्टी वेंडर्स की लागत में बदलाव होने या अन्य किसी भी वजह से विशाल मेगा मार्ट की प्रॉफिटेबिलिटी प्रभावित हो सकती है। इसी तरह विशाल मेगा मार्ट को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की ओर से दो नोटिस मिल चुके हैं, जिसमें जांच एजेंसी ने प्री मर्जर कैपिटल स्ट्रक्चर, प्रमोटर्स, डायरेक्टर्स, शेयर होल्डिंग पैटर्न और 2010-11 के दौरान खोले गए स्टोर्स से जुड़ी जानकारियां मांगी गई है। जांच के बाद विशाल मेगा मार्ट को ईडी की ओर से क्लीन चिट नहीं मिलने पर दंडात्मक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।

रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि विशाल मेगा मार्ट की सबसे अधिक बिक्री त्योहारों के समय में होती है। ऐसे में कंपनी की बिक्री और कारोबारी नतीजे अलग-अलग क्वार्टर में अलग-अलग हो सकते हैं। इसके साथ ही विशाल मेगा मार्ट की आय मुख्य रूप से कर्नाटक, असम और उत्तर प्रदेश में स्थित स्टोर्स के जरिए होती है। सितंबर में खत्म हुई पहली छमाही के दौरान विशाल मेगा मार्ट को इन तीन राज्यों से ही 36.3 प्रतिशत की आय हुई थी। ऐसे भी अगर इन राज्यों में राजनीतिक या दूसरी वजहों से कोई परेशानी होती है, तो इससे विशाल मेगा मार्ट के ओवरऑल कारोबार पर भी असर पड़ सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

   

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