अंतरधार्मिक विवाह का सर्टिफिकेट जारी करने के बाद हिंदू संगठनों ने किए विरोध के स्वर तेज
- Admin Admin
- Feb 16, 2025

बीकानेर, 16 फ़रवरी (हि.स.)। नगर निगम में नियम-कायदों से परे जाकर अंतरधार्मिक विवाह का सर्टिफिकेट जारी करने के दो मामले सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने विरोध के स्वर तेज कर दिए है।
करीब डेढ महीने पहले दो अलग-अलग धर्मों के युवक-युवती ने विवाह कर लिया। युवती के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई तो युवक-युवती ने शादी का सर्टिफिकेट दिखा दिया। परिजनों ने जब नगर निगम में सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि यह एक ही दिन में नियमों से परे जाकर बना दिया गया। इस मामले में कर्मचारी चंचल चांवरिया की भूमिका संदिग्ध मिली। चांवरिया के खिलाफ पहले 17 सीसी की चार्जशीट दी गई। उसे सर्टिफिकेट बनाने वाले स्थान से भी हटा दिया गया था।
इस घटना से करीब एक सप्ताह पहले भी कमोबेश ऐसा ही मामला सामने आया था। उसमें भी मिलीभगत कर सर्टिफिकेट तैयार कर दिया गया। नियमानुसार, अलग-अलग धर्म के युवक-युवती होने पर ये सर्टिफिकेट स्पेशल मैरेज एक्ट के तहत बनाया जाता है और उसका अधिकार कलक्टर के पास है।
इधर, हिंदू जागरण मंच के संयोजक कैलाश भार्गव ने कहा कि नगर निगम में अंतरधार्मिक विवाह के सर्टिफिकेट जारी करने में लगातार लापरवाही बरती जा रही है। पिछले दिसम्बर और जनवरी में ऐसे दो मामलों में हमारे मंच के कार्यकर्त्ताओं ने सक्रियता दिखाते हुए इन सर्टिफिकेट की जांच करवाने की मांग उठाई थी। भार्गव ने कहा कि नगर निगम में बनाए गए विवाह सर्टिफिकेट की तह में जाकर निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव