क्रिप्टो करेंसी मार्केट के लिए डोनाल्ड ट्रंप बन रहे हैं ट्रंप कार्ड, चुनाव के रुझान से रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा बिटकॉइन

- बिटकॉइन ने पहली बार 75 हजार डॉलर के स्तर को पार किया

नई दिल्ली, 6 नवंबर (हि.स.)। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के नतीजे व रुझान आने लगे हैं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बहुमत के करीब पहुंचते नजर आ रहे हैं। चुनावी रेस में ट्रंप के आगे निकलने के कारण क्रिप्टो करेंसी मार्केट में भी तेज हलचल नजर आ रही है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन आज उछल कर 75 हजार डॉलर के स्तर को भी पार कर गई। भारतीय समय के अनुसार दोपहर 12 बजे तक ये क्रिप्टो करेंसी 75,011.06 डॉलर के सर्वोच्च स्तर को टच कर चुकी है। इसके पहले इसी साल 14 मार्च को बिटकॉइन ने 73,797.68 डॉलर के स्तर पर पहुंच कर रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन अमेरिका में काउंटिंग के रुझानों ने इस क्रिप्टो करेंसी में नई जान फूंक दी है।

भारत में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने के लिए अधिकृत एजेंसी कॉइन मार्केट कैप के ऑपरेशन हेड रवनीत खन्ना का कहना है कि अमेरिका में हो रहे चुनाव से क्रिप्टो करेंसी मार्केट पर काफी असर पड़ा है। जो बाइडेन और कमला हैरिस की पॉलिसी शुरू से ही क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ रही है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में न केवल क्रिप्टो करेंसी की महत्ता को स्वीकार किया था, बल्कि इसे वैकल्पिक मुद्रा के रूप में मान्यता देने की बात का समर्थन भी किया था। यही कारण है कि अगर अमेरिका के चुनाव परिणाम में डोनाल्ड ट्रंप सरकार बनाने की स्थिति में आ जाते हैं, तो क्रिप्टो करेंसी मार्केट, खासकर बिटकॉइन में मजबूती का नया रिकॉर्ड बन सकता है। वहीं, अगर अंतिम समय में किसी उलटफेर की वजह से कमला हैरिस जीतती हैं, तो क्रिप्टो करेंसी मार्केट का सेंटीमेंट भी निगेटिव हो सकता है।

क्रिप्टो करेंसी मार्केट के भविष्य को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव नतीजे काफी अहम माने जा रहे हैं। कमला हैरिस के पहले के कुछ बयानों की वजह से इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सत्ता में कमला हैरिस आईं तो क्रिप्टो करेंसी मार्केट के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्माण हो सकता है। दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप को क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए पहले से ही पॉजिटिव माना जाता है। इस साल की शुरुआत में जब डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की बात कही थी, तब भी उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिहाज से क्रिप्टो करेंसी के चलन को जरूरी बताया था।

अमेरिका के चुनाव और बिटकॉइन की चाल पर नजर डाली जाए तो 2012 से ही क्रिप्टो करेंसी मार्केट में बिटकॉइन अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के 90 दिनों के अंदर जबरदस्त रिटर्न देता रहा है। 2012 के चुनाव के बाद 90 दिन में इस क्रिप्टोकरेंसी ने 87 प्रतिशत का रिटर्न दिया था। इसी तरह 2016 के चुनाव के बाद बिटकॉइन ने 44 प्रतिशत और 2020 में चुनाव के 90 दिन के अंदर इस क्रिप्टो करेंसी ने 145 प्रतिशत का रिटर्न दिया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

   

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