खनौरी व शंभू बार्डर पर किसान आंदोलन का एक साल पूरा

किसान नेता सिरसा को पड़ा दिल का दौरा

चंडीगढ़, 12 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर पंजाब के शंभू व खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का बुधवार को एक साल पूरा हो गया। इस बीच बॉर्डर पर जहां धार्मिक आयोजन किए गए, वहीं शंभू और खनौरी मोर्चे से एकता के लिए चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चे की मीटिंग हुई।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमारे 11 फरवरी से 13 फरवरी तक प्रोग्राम हैं। ऐसे में हमारे खनौरी वाले साथी मीटिंग में शामिल नहीं हो पाए हैं। आज हमने गंभीर इस विषय पर चर्चा की है। हम एकता के निकट पहुंच गए हैं। आने वाले समय में एक और मीटिंग होगी। हमारी कोशिश रहेगी कि सारे एकजुट रहें। वहीं 14 फरवरी को केंद्र सरकार से होने वाली मीटिंग को लेकर सारी रणनीति पर मंथन किया गया।

उधर, खनौरी बॉर्डर पर चल रही महापंचायत में आज 78 दिन से आमरण अनशन पर चल रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जनता के नाम संदेश दिया। डल्लेवाल ने कहा कि किसान महापंचायत में पहुंचे सभी किसान, मजदूर व सभी वर्गों के लोगों का मैं दिल की गहराई से धन्यवाद करना चाहता हूं। कुछ दिन पहले अमेरिका की तरफ से लगभग 104 भारतीय डिपोर्ट किए गए। जिनमें 30 से अधिक हमारे पंजाब और हरियाणा के भाई भी हैं। सवाल यह उठता है कि उन्हें इस तरीके से जाना क्यों पड़ा। उसकी असल वजह यही है कि हमारे देश के अंदर रोजगार नहीं है। एंप्लाॅयमेंट की कमी है, उसकी वजह से हमारे देश के युवाओं को बाहर जाना पड़ रहा है। खेती फायदेमंद होती तो हमारे युवाओं को बाहर क्यों जाना पड़ता। वह बाहर गए हैं तो आज पता चल रहा है, जिनको डिपोर्ट कर दिया गया है।

उन्हाेंने कहा कि 200 से अधिक नौजवानों को फिर से डिपोर्ट करने के लिए अमेरिका तैयार बैठा है। वह बड़ी दुखद बात है। एग्रीकल्चर सेक्टर में एमएसपी की हम लड़ाई लड़ रहे हैं। सभी देश के किसानों को एमएसपी की गारंटी का कानून मिले और डाॅक्टर स्वामीनाथन के फार्मूले सी-2 प्लस 50 के हिसाब से फसलों का दाम मिले। डल्लेवाल ने कहा कि वह सरकार से अनुरोध करते हैं कि जो युवा डिपोर्ट किए जा रहे हैं उनका सरकार हाथ पकड़े। इसके लिए न तो केंद्र सरकार, न ही पंजाब सरकार की ओर से अभी तक कुछ नहीं किया गया है। यह बहुत बुरी बात है। सरकार को इनका हाथ पकड़ना चाहिए।

दूसरी तरफ आज सुबह खनौरी मोर्चे पर किसान नेता बदलेव सिंह सिरसा की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। सिरसा को पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। करीब 20 दिन पहले भी उन्हें हार्ट अटैक आया था। इसके बावजूद वह अस्पताल से इलाज करवाने के बाद मोर्चे पर आ डटे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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