जलबहाव रोकने के लिए ममता बनर्जी का कड़ा कदम, जलस्वप्न परियोजना पर सख्त निर्देश

कोलकाता, 09 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जलस्वप्न परियोजना में अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को पीएचई विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कार्य समाप्त होने के बाद ही किसी भी परियोजना के लिए भुगतान किया जाएगा। साथ ही, 23 प्रशासनिक अधिकारियों और 373 ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जलस्वप्न परियोजना के तहत कई स्थानों पर बिना जल आपूर्ति सुनिश्चित किए ही नल लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि एक ही ठेकेदार को कई अनुबंध क्यों दिए गए। ममता बनर्जी ने कहा कि अब से कार्य की प्रगति रिपोर्ट जमा होने के बाद ही ठेकेदारों को भुगतान किया जाएगा।

बैठक में मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस परियोजना के खिलाफ अब तक 11 हजार 200 शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें से 500 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि कई जगहों पर पंप ऑपरेटरों की नियुक्ति नहीं की गई, जिससे जल वितरण बाधित हुआ है।

मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कई अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों से परियोजना की निगरानी बढ़ाने और जल्द से जल्द इसे पूरा करने के निर्देश दिए।

यह कदम मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा निर्णय है। राज्य सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जल चुराने और अनियमितताओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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