मदीना स्थित मस्जिद नबवी के इमाम की भारत आमद, बिरादरान-ए-हिंद के सुख-चैन के लिए दुआएं कीं

रामलीला मैदान में दो दिवसीय 35वीं अहले हदीस कांफ्रेंस शुरू

नई दिल्ली, 9 नवंबर (हि.स.)। सऊदी अरब के मदीना स्थित मस्जिद-ए-नबवी के इमाम डॉ. अब्दुल्ला बिन अब्दुल रहमान अल बयजान ने रामलीला मैदान में जमीअत अहले हदीस के जरिए आयोजित दो दिवसीय 35वीं अहले हदीस कॉन्फ्रेंस में शिरकत की। मानवता और विश्व के धर्मों का सम्मान के विषय पर आयोजित इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने सबसे पहले भारत में अमन, शांति, उन्नति, स्थिरता, अराजकता, फसाद से सुरक्षित रहने की दुआएं कीं। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व और इस्लामी जगत उम्मीद भरी निगाह से भारत की तरफ देख रहा है।

उन्होंने भारतीय मुसलमान का आह्वान किया कि वह इस्लाम की रक्षा और उसके फैलाव के लिए आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि मानवता की रक्षा के लिए पूरा विश्व चिंतित है। इस्लाम ने मानवता की रक्षा के लिए अपनी स्थापना से ही काफी कार्य किया है। इस्लाम में मानवता की रक्षा और उसकी सुरक्षा के लिए हमेशा से प्रयत्न किए हैं। प्यारे नबी साहब से संबंधित कई हदीसें हमारे सामने इस विषय पर मौजूद हैं। सऊदी अरब और उसके शासक शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज भी हमेशा मानवता की भलाई और उसकी उन्नति और उसकी रक्षा के लिए प्रयासरत रहते हैं और पूरी दुनिया में इसके लिए हर मुमकिन जद्दोजहद करते रहते हैं।

इस मौके पर राब्ता आलम-ए-इस्लामी के उप महासचिव अब्दुल रहमान बिन अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अलजाईयान ने भी मानवता के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने का जिक्र करते हुए कहा कि आज इस मंच से मानव जाति की उत्पत्ति, उसकी सुरक्षा और सम्मान की जो बातें की जा रही हैं, वह सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में अफरातफरी का माहौल है और दुनिया भर में इस्लाम के पैगाम को पहुंचाने की जरूरत है।

इस मौके पर जमीअत अहले हदीस के अमीर और कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मौलाना असगर अली इमाम सल्फी मेहदी ने भी अपने भाषण में इस्लाम की रोशनी में मानवता की रक्षा और महिलाओं विशेष तौर से बहनों के हक को उजागर किया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में बहनों को उनका हक देने की बात पर भाइयों के जरिए उनसे रिश्ते तोड़े जा रहे हैं। ऐसे माहौल में हमारी सरकार एक समान नागरिक संहिता लाकर महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की बात कर रही है। यानी संपत्ति में आधा हिस्सा देने की बात कर रही है तो क्या हमारे मुसलमान भाई अपनी बहनों को अपनी संपत्तियों में आधा हिस्सा देंगे। सम्मेलन में जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी सहित बड़ी संख्या में उलेमा और बुद्धिजीवी मौजूद थे। इस सम्मेलन मै विशेष तौर से मस्जिद-ए-नबवी के इमाम भाग लेने के लिए भारत आए हैं। कल वह मगरिब और ईशा की नमाज भी यहां पर अदा कराएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहम्मद ओवैस

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद

   

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