दशहरा उत्सव के दौरान होगा राजदूतों का सम्मेलन : सुंदर सिंह ठाकुर

कुल्लू, 18 सितंबर (हि.स.)।

इस वर्ष 13 से 19 अक्तूबर तक अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आयोजन किया जाएगा। इस बार यह प्रयास किए जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशों की इसमें सहभागिता हो। इस बार एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारतीय और विदेशी संस्कृति का मिश्रण प्रस्तुत किया जाएगा। हर वर्ष की भांति अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है, जिसमें हिमाचल प्रदेश के रंगारंग लोक नृत्यों के साथ-साथ विभिन्न देशों की संस्कृति को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

यह बात मुख्य संसदीय सचिव एवं जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आयोजन समिति के अध्यक्ष सुंदर सिंह ठाकुर ने देव सदन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि 17वीं शताब्दी से चली आ रही कुल्लू दशहरा की ऐतिहासिक परंपरा की झलक पुरे विश्व स्तर दिखाई दे इसके लिए पूरा प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कुल्लू में लगभग 365 स्थानीय देवी-देवता निवास करते हैं इसलिए इस भूमि को देवभूमि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के आयोजन के लिए अब तक 332 स्थानीय देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जा चुका है।

उन्होंने कहा कि सात दिवसीय यह कार्यक्रम बीते वर्षों की परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा, हालांकि वाणिज्यिक व्यापार मेले दीवाली के त्योहार तक जारी रहेंगे। इसमें ऑटो मेला, सरस मेला, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और स्टॅाल शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि बड़े प्लाटों का आवंटन के टेंडर कर दिए गए हैं तथा छोटे प्लाट की आवंटन प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने वाली है। उन्हें जानकारी दी कि तंबोला के टेंडर से इस बार 2 करोड़ 12 लाख की आए सृजित होगी इसके इसके अतिरिक्त झूले, फहड़ी मार्केट आदि के टेंडर के द्वारा भी दशहरा कमेटी को आय होगी।

उन्होंने कहा कि सूरजकुंड के मेला के पश्चात कल्लू का दशहरा सबसे भव्य एवं बड़ा उत्सव पूरे देश में एक विशेष महत्व रखता है

उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरे में इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विभिन्न देशों के सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), एनजेडसीसी, सभी राज्यों सहित हिमाचल के बारह जिलों के सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि समारोह प्रसिद्ध रघुनाथ जी की रथ यात्रा के साथ शुरू होगा और 300 से अधिक स्थानीय देवता इस विशाल कार्यक्रम में भाग लेंगे।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी अंतरराष्ट्रीय दलों के कार्निवल परेड का आयोजन किया जाएगा तथा समापन दिवस पर स्थानीय लोक कलाकारों के कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा ताकि यहां की कला, संस्कृति,खान- पान के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेश दिया जा सके।

उन्होंने कहा कि इस बार दशहरा उत्सव के उपरांत राजदूतों का सम्मेलन भी कुल्लू में आयोजित किया जाएगा जिसमें सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक आदान-प्रदान पर भी एमओयू साइन किए जाएंगे। कुल्लू से भी बेहतरीन सांस्कृतिक दलों को विदेश के लिए भेजा जाएगा। इस वर्ष इस उत्सव के आयोजन के लिए एक सहयोगी देश तथा सहयोगी प्रदेश को भी साझेदारी के रूप में रखा जाएगा। दशहरे के तुरंत बाद ही ऑटो फेयर सरस मेला इत्यादि भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कल्लू की कनेक्टिविटी पिछले सालों से बहुत ही बेहतर हुई है जिसके चलते इस बार दशहरा उत्सव में बड़ी संख्या में पर्यटक के आने की संभावना है। इसके लिए उन्होंने जिला के सभी वर्गों सहित देव समाज के प्रतिनिधियों से भी किस देव समागम के उत्सव को सफल बनाने के लिए सहयोग की अपील की है

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हिन्दुस्थान समाचार / जसपाल सिंह

   

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