सांस्कृतिक संध्या हरीतिमा में गुरु गोरखनाथ के भजनों की भावपूर्ण प्रस्तुति

— गोष्ठी में काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ सम्मानित

वाराणसी,06 अक्टूबर (हि.स.)। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र क्षेत्रीय, केंद्र वाराणसी, ग्रीन इको मूवमेंट सोसायटी और भाव प्रभा पद्म संस्थान के संयुक्त बैनर तले रविवार को केंद्र के सभागार में गोष्ठी और सांस्कृतिक संध्या हरीतिमा का आयोजन किया गया। पर्यावरण एवं संगीत के अंतर्संबंध की महत्ता विषयक गोष्ठी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र को सनातन संस्कृति निष्ठा सम्मान से विभूषित किया गया।

पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य, केन्द्र के निदेशक डॉ अभिजीत दीक्षित तथा डॉ रमेश कुमार भाटिया ने संयुक्त रूप से सम्मान प्रदान किया। गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्र ने वनस्पति को पर्यावरण का आधार बताते हुए इसे भारतीय संस्कृति में पूजनीय बताया।

मुख्य वक्ता प्रो. मधुलिका अग्रवाल ने कहा कि वनस्पतियों में संवेदनात्मक रूप से मधुर संगीत सुनकर सकारात्मक वृद्धि होती हैं। यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है। सांस्कृतिक संध्या हरीतिमा में प्रो. कृष्णकांत शुक्ला ने गुरु गोरखनाथ द्वारा रचित भजनों की भावपूर्ण प्रस्तुति की। समापन किया एक और भजन उड़ जाएगा हँस अकेला से। इसके बाद दूसरी प्रस्तुति डॉ शिवानी शुक्ला ने दी।

उन्होंने पर्यावरण पर आधारित कजरी गाई। बोल रहा हमार मैया सबको कजरी सिखावे। इनके साथ तबले पर अंकित सिंह ने संगत की और संवादिनी पर प्रवीन सिंह ने साथ दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. सुशीला सिंह, स्वागत डॉ अभिजीत दीक्षित, आर्शीवचन पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य, संचालन डॉ प्रीतेश आचार्य, संयोजन पीयूष आचार्य ने किया। कार्यक्रम में अतिथियों ने केन्द्र परिसर में पौधरोपण भी किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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