सरकार ने न किसी मंदिर से कोई पैसा लिया न भविष्य में लेने का कोई विचार है : मुकेश अग्निहोत्री।

मंडी, 02 मार्च (हि.स.)। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री छोटी काशी अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव-2025 में देवी-देवताओं के साथ निकली श्री राज देव माधो राय की पारंपरिक ‘मध्य जलेब’ शोभा यात्रा में शामिल हुए। इससे पहले उन्होंने राज देवता श्री राज माधो राय मंदिर में पूजा-अर्चना की। मध्य जलेब श्री राज माधो राय मंदिर से शुरू होकर पड्डल मैदान में संपन्न हुई। खिली धूप में हजारों की संख्या में लोग जलेब में शामिल हुए। शोभायात्रा में देवी-देवताओं के साथ आए देवलु पारंपरिक परिधान पहने अपने स्थानीय देवताओं के साथ नृत्य करते हुए आगे बढ़ रहे थे। बता दें, महोत्सव में पूरे क्षेत्र से 200 से अधिक देवी-देवता पधारे हैं।

पड्डल में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी शिवरात्रि महोत्सव हमारी आस्था का प्रतीक है। शिवरात्रि महोत्सव में इस देवभूमि में देवताओं का समागम पूरे भारत में हिमाचल को पहचान दिलाता है। मंडी शिवरात्रि हो या कुल्लू दशहरा और मिंजर, यहां आयोजित होने वाले मेले हमारे प्रदेश की शान हैं। इन मेलों में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

उन्होंने इस अवसर पर इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के संचालन में मंदिरों के चढ़ावे का पैसा लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम ईश्वर में आस्था रखते हैं। मन्दिरों को पैसा उपलब्ध करवाते हैं। मंदिरों का जीर्णोद्धार करने के लिए सरकारी कोष से पैसा उपलब्ध करवाया जाता है। किसी मन्दिर का पैसा सरकार ने न तो लिया है और न ही भविष्य में किसी मन्दिर से पैसा लेने का कोई विचार है। कुछ लोगों की विकृत मानसिकता से यह गलत धारणा फैलाई जा रही है। मन्दिरों का रखरखाव, जोर्णोद्धार करके सर्किट तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाषा विभाग हिमाचल में जितने भी त्यौहार होते हैं, उनकी तारीखों और कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर एक सूची तैयार कर रहा है। हिमाचल प्रदेश के स्थानीय कलाकारों को इन त्यौहारों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में समुचित मंच उपलब्ध करवाया जा रहा है। मेले में व्यय होने वाली निश्चित राशि निर्धारित करके स्थानीय कलाकारों पर व्यय की जा रही है।

परिवहन सुविधाओं में विस्तार की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शिमला में 2000 करोड़ की लागत से रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंडोह में स्थापित रोपवे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। कुल्लू में दो रोपवे स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ों को इस ढंग से रोपवे से जोड़ा जाएगा ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे।

इससे पहले उन्होंने टारना में श्यामाकाली मन्दिर, अराध्य बड़ा देव कमरूनाग और भीमाकाली मन्दिर में भी पूजा-अर्चना की।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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