दून पुस्तकालय में काव्य संग्रह ‘कागज निगोड़े’ का लोकार्पण

- जीवन की हकीकत को उधेड़ती एक काव्य यात्रा है 'कागज निगोड़े' - जीवन के अनछुए पहलुओं को बयां करता है मनु मनस्वी का काव्य संग्रह

देहरादून, 05 दिसंबर (हि.स.)। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में गुरुवार को साहित्यकार प्रोफेसर रामविनय सिंह, साधना शर्मा और डॉ. अरुण कुकसाल ने जीवन की कठिनाइयों और सच्चाइयों को कागज पर उकेरने वाले युवा साहित्यकार मनु मनस्वी के काव्य संग्रह ‘कागज निगोड़े’ का लोकार्पण किया। इस संग्रह में मनु ने न केवल प्रेम और भूख जैसे मानवीय भावों को गहरे तरीके से प्रस्तुत किया है, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को बिना किसी लाग-लपेट के पाठकों के सामने रखा है। लोकार्पण के साथ हुई चर्चा में साहित्यकारों ने इस संग्रह को जीवन की तल्ख सच्चाईयों का काव्यात्मक रूप माना।

वक्ताओं ने कहा कि साहित्यकार मनु मनस्वी के काव्य संग्रह ‘कागज निगोड़े’ की कविताएं जीवन के कई पहलुओं को छूती नजर आती हैं। कविताओं में प्रेम और भूख को इस शिद्दत के साथ पेश किया गया है, मानों इन्हें वर्षों तक भोगा गया हो। मनु मनस्वी की कविताओं में कई रंग दिखते हैं, जिसे वह बेहद ईमानदारी से पाठकों के सामने रखते हैं। कुछ कविताएं भोगे हुए कर्मों के सही-गलत होने का भान भी कराती हैं।

‘कागज निगोड़े’ काव्य संग्रह पर चर्चा करते हुए प्रो. राम विनय सिंह ने कहा कि संग्रह की कविताएं हमें जीवन की तल्ख हकीकत से रूबरू करवाती हैं। वहीं साधना शर्मा ने कहा कि युवा कवि का यह प्रयास बेहद सफल रहा है। उन्होंने जीवन की सच्चाई को पाठकों के सामने उधेड़कर रख दिया है और वह भी बिना किसी लाग-लपेट के। डॉ. अरुण कुकसाल ने मनु मनस्वी की इन लघु कविताओं को जीवन के अंतरसंबंधों का पर्याय बताते हुए उन्हें अति महत्वपूर्ण बताया। मनु मनस्वी बीते दो दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हैं।

कार्यक्रम के आरंभ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित अतिथियों व सभागार में मौजूद लोगों का स्वागत किया।

इस अवसर पर रजनीश त्रिवेदी, मदन मोहन चमोली, विजय सिंह नेगी, हरिचंद निमेष, डॉ. लालता प्रसाद, देवेंद्र कांडपाल, शिव प्रसाद जोशी, अनीता बडोनी, त्रिलोचन भट्ट, सपना पांडे, दयासागर अरोड़ा, सुंदर सिंह बिष्ट, सुनीता चौहान, जगदीश सिंह महर, शैलेन्द्र नौटियाल सहित शहर के अनेक लेखक, पत्रकार, साहित्यकार और दून पुस्तकालय के युवा पाठक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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