भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव आठ नवंबर से, शौर्य गाथा परियोजना शुरू की जाएगी

- सीडीएस जनरल अनिल चौहान तीनों सेना प्रमुखों के साथ महोत्सव का उद्घाटन करेंगे

नई दिल्ली, 07 नवंबर (हि.स.)। भारत की सैन्य विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली में 8 नवंबर को भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव का दूसरा संस्करण शुरू होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान इस साल तीनों सेना प्रमुखों के साथ महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर ‘शौर्य गाथा’ परियोजना का भी शुभारंभ किया जाएगा। इसका उद्देश्य शिक्षा और पर्यटन के माध्यम से भारत की सैन्य विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देना है।

सैन्य प्रवक्ता के अनुसार दो दिवसीय महोत्सव का उद्देश्य वैश्विक और भारतीय थिंक टैंक, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उपक्रमों, गैर-लाभकारी संस्थाओं, शिक्षाविदों और अनुसंधान विद्वानों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, सैन्य इतिहास और सैन्य विरासत पर ध्यान केंद्रित करते हुए शामिल करना है। ‘शौर्य गाथा’ परियोजना भारत के सैन्य मामलों के विभाग और यूएसआई की एक पहल है, जिसका उद्देश्य शिक्षा और पर्यटन के माध्यम से भारत की सैन्य विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देना है। इस वर्ष के उत्सव को रक्षा मंत्रालय, सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए), भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ, पर्यटन विभाग लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश सरकार, संस्कृति मंत्रालय और ब्रिटिश उच्चायोग का समर्थन मिल रहा है।

इस मौके पर सैन्य विषयों की कई पुस्तकों का विमोचन भी होगा, जिसमें एयर मार्शल विक्रम सिंह (सेवानिवृत्त) की पुस्तक दिसंबर, 1971 के भारत-पाक वायु युद्ध का इतिहास, भारतीय सेना और यूएसआई का संयुक्त प्रकाशन वैलोर एंड ऑनर और डॉ. मृण्मयी भूषण की साइलेंट वेपन्स डेडली सीक्रेट्स: अनवीलिंग द बायोवेपन्स आर्म्स रेस है, जिसका संपादन रक्षा मंत्रालय के प्रधान सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे (सेवानिवृत्त) ने किया है। इस वर्ष रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) रक्षा अनुसंधान में नवाचारों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत में योगदान देने की अपनी यात्रा और उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाली एक फोटो प्रदर्शनी भी प्रस्तुत करेगा।

इस आयोजन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के स्कूलों और कॉलेजों के एनसीसी कैडेटों और छात्रों की भागीदारी से युवा पीढ़ी को सशस्त्र बलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी। तीनों सेनाओं के स्टॉल इच्छुक युवाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न अवसरों को प्रदर्शित करेंगे। अधिक जानकारी आधिकारिक वेबसाइट indianmilitaryheritagefestival.in पर देखी जा सकती है। भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव का पहला संस्करण पिछले साल 21-22 अक्टूबर को मानेकशॉ सेंटर में हुआ था, जिसके उद्घाटन पर तीनों सेनाओं के सैन्य बैंडों और भारतीय सशस्त्र बलों ने भारत की सैन्य संस्कृति का प्रदर्शन किया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम

   

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