चंडीगढ़ में CBI अफसर बनकर महिला से 1 करोड़ ठगे:10 गिरफ्तार; 400 सिम-6 सिम बॉक्स मिले, विदेश तक जुड़ा था ठगी का नेटवर्क

चंडीगढ़ में पुलिस ने एक बड़े डिजिटल ठगी (स्कैम) का खुलासा किया है। साइबर सेल की टीम ने 1.01 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के पास से 6 सिम बॉक्स, 400 सिम कार्ड, लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। ये लोग फर्जी पहचान बनाकर लोगों को ऑनलाइन डराते थे और उनसे पैसे ठगते थे। विदेशों से कॉल करने के लिए ये सिम बॉक्स का गलत इस्तेमाल करते थे और ठगे गए पैसे विदेशों में भेज देते थे। पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी लोगों को निशाना बना रहा था। इससे देश को हर महीने करीब ₹1,000 करोड़ का नुकसान हो रहा था। इस ऑपरेशन में डीएसपी वेंकटेश और साइबर सेल की इंचार्ज इंस्पेक्टर इरम रिजवी की अहम भूमिका रही। आरोपियों पर बीएनएस 2023 की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। खुद को बताया सीबीआई अधिकारी पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-33-डी की निवासी मंजीत कौर ने बताया था कि 11 जुलाई 2025 को मोबाइल नंबर 7626808695 से एक वॉयस कॉल और बाद में 8414020165 से वॉट्सऐप वीडियो कॉल आया। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी सुनील बताकर पेश किया और दावा किया कि उनके आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और आईसीआईसीआई बैंक खाते का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है। फर्जी दस्तावेज और पासबुक भेज उन्हें डरा-धमकाकर ₹1,01,65,094 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए। ये हैं पकड़े गए 10 आरोपी: मेरठ निवासी परवेज चौहान, अमृतसर निवासी शुभम मेहरा उर्फ सनी, मेरठ निवासी सुहैल अख्तर, लुधियाना निवासी कृष्णा शाह और विजय कुमार शाह, आकाश कुमार, अजीत कुमार, विपिन कुमार, सरोज कुमार और अभिषेक कुमार। आरोपी परवेज चौहान से 1 सिम बॉक्स, ब्रॉडबैंड राउटर, 70-80 सिम कार्ड, 3 मोबाइल फोन वहीं आरोपी शुभम मेहरा से 6 डिनस्टार सिम बॉक्स, लगभग 400 सिम कार्ड, 11 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 2 मोडेम, 1 राउटर और अन्य आरोपियों के पर्सनल मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। लुधियाना से एक्टिवेट हुआ फर्जी कॉल नंबर​​​​​​ एसपी गीतांजलि खंडेलवाल ने बताया कि जिस मोबाइल नंबर से एक महिला को कॉल करके ठगा गया, वो नंबर 7626808695 लुधियाना (पंजाब) से एक्टिवेट हुआ था। जांच में पता चला कि इसी एक मोबाइल डिवाइस (आईएमआई नंबर) से करीब 180 सिम कार्ड चलाए जा रहे थे। इससे टेलीकॉम सिस्टम के बड़े दुरुपयोग का खुलासा हुआ है। इसके अलावा, वॉट्सऐप वीडियो कॉल के लिए जो नंबर इस्तेमाल हुआ वह मिजोरम से एक्टिवेट किया गया था। इसी नंबर से खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर महिला को वीडियो कॉल की गई थी और नकली दस्तावेज व सरकारी मुहरें दिखाकर उसे झांसे में लिया गया। लोकेशन के आधार पर मेरठ में छापा मारा 24 जुलाई को पुलिस ने तकनीकी जांच और टावर लोकेशन के आधार पर मेरठ में छापा मारा और परवेज चौहान (33 साल) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि वह सिम बॉक्स के जरिए विदेशों से कॉल रूट करता था और इसके बदले उसे क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में भुगतान मिलता था। इसके बाद 27 जुलाई को लुधियाना में की गई कार्रवाई में विजय कुमार शाह (22 साल) को पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि उसने एक ही व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों के सिम कार्ड फर्जी तरीके से एक्टिवेट किए थे। ये सिम कार्ड बाद में साइबर ठगी में इस्तेमाल हुए। 29 जुलाई को अमृतसर में छापेमारी कर शुभम मेहरा उर्फ सनी (25 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। मौके से 6 डिनस्टार कंपनी के सिम बॉक्स, लगभग 400 सिम कार्ड, 11 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 2 मोडेम और 1 राउटर बरामद किए गए। शुभम ने बताया कि उसने फेसबुक पर वर्क-फ्रॉम-होम जॉब के विज्ञापन के माध्यम से संपर्क किया था और बाद में उसे टेलीग्राम के जरिए विदेशी हेंडलर्स द्वारा सिम बॉक्स ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई थी।

   

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