चंडीगढ़ में वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के बाद बढ़ेंगी ट्रेन:10 करोड़ किए जाएंगे खर्च; मेंटेनेंस यार्ड बढ़ाने को लेकर नक्शा पास
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- Jul 05, 2025
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के वर्ल्ड क्लास पुनर्निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद अब रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की संख्या में इजाफा तय माना जा रहा है। ऐसे में अंबाला मंडल की ओर से स्टेशन के मेंटेनेंस यार्ड को बड़ा करने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। यार्ड को बढ़ाने का नक्शा पास कर दिया गया है और इस माह टेंडर प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार मेंटेनेंस यार्ड के विस्तार पर करीब ₹10 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इस यार्ड में दो अतिरिक्त वाशिंग लाइन तैयार की जाएंगी, ताकि बढ़ती ट्रेनों की समय पर और व्यवस्थित मेंटेनेंस हो सके। इस कार्य की जिम्मेदारी रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को सौंपी गई है। अभी सिर्फ 2 वाशिंग लाइन चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से अन्य राज्यों को जाने वाली ट्रेनों की मेंटेनेंस के लिए फिलहाल यार्ड में केवल दो वाशिंग लाइन हैं। ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन यार्ड का विस्तार नहीं हुआ, जिससे ट्रेन संचालन में देरी होती है। अधिकारियों का कहना है कि गर्मियों में यह समस्या कुछ कम रहती है, लेकिन सर्दियों में जब ट्रेनें लेट आती हैं, तब उनकी मेंटेनेंस में अधिक समय लगता है और ट्रेनों के समय पर संचालन में परेशानी आती है। रोजाना 6 ट्रेनों की होती है मेंटेनेंस स्टेशन के मेंटेनेंस यार्ड में प्रतिदिन औसतन 6 ट्रेनों की मेंटेनेंस होती है। एक ट्रेन की मेंटेनेंस में औसतन 3 घंटे से अधिक का समय लगता है। इस दौरान ट्रेनों के ब्रेक, व्हील, पंखे, लाइट्स और अन्य तकनीकी भागों की जांच और वाशिंग की जाती है। रेलवे तीन प्रकार की ट्रेनों की मेंटेनेंस करता है: प्राइमरी, सेकेंडरी और टर्मिनल ट्रेनें। इनमें सबसे अधिक समय प्राइमरी ट्रेनों की मेंटेनेंस में लगता है। क्योंकि इन्हें पूरी तरह चेक कर सेफ्टी सर्टिफिकेट देना होता है। अगर रास्ते में किसी तरह की तकनीकी खराबी आती है तो उसकी जिम्मेदारी मेंटेनेंस यार्ड की मानी जाती है। ट्रेन मेंटेनेंस में लगने वाला समय



