एनआईएच रुड़की की टीम अप्रैल तक पूरा कर लेगी मुरादाबाद से लेकर कन्नौज तक सर्वे

मुरादाबाद, 19 अप्रैल (हि.स.)। मुरादाबाद जिले में रामगंगा नदी के बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच) रुड़की की टीम मुरादाबाद से लेकर कन्नौज तक सर्वे अप्रैल तक पूरा कर लेगी। इसके बाद शासनादेश जारी होने पर बाढ़ खंड द्वारा नदी किनारे पिलर लगाए जाएंगे। इसे देखते हुए जिले में नदी के किनारे अवैध निर्माण कराने वाले लोगों पर संकट गहरा गया है। इन पर कार्रवाई हो सकती है।

एनजीटी ने कई मामलों में सुनवाई के बाद बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन करने के निर्देश दिए थे। शासन के निर्देश पर अप्रैल 2024 से एनआईएच की टीम ने रामगंगा नदी के बाढ़ क्षेत्र का सर्वे शुरू किया था। इस मामले में एनआईएच ने सर्वे ऑफ इंडिया और रिमोट सेंसिंग से डाटा भी लिया है। एनआईएच की टीम ने बाढ़ खंड के अधिकारियों से मुरादाबाद से लेकर कन्नौज तक 526 किमी. एरिया का सर्वे इस माह के अंत तक पूरा करने की बात कही है।

सर्वे के बाद एनआईएच की टीम शासन और बाढ़ खंड को रिपोर्ट देगी। शासनादेश जारी होने के बाद बाढ़ खंड रामगंगा नदी के किनारे सीमांकन पिलर लगाएगा। साथ ही तय हो जाएगा कि डूबे क्षेत्र में कितने लोगों ने निर्माण कराया है। निर्माण कराने वाले सैकड़ों लोगों पर जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा। संभावना है कि बरसात से पहले यह काम पूरा हो जाएगा।

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने शनिवार को बताया कि एनजीटी के अनुसार रामगंगा नदी के सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। नदियों के किनारे का क्षेत्र ग्रीन बेल्ट घोषित है। ई-कचरा फेंकने पर जुर्माना एनजीटी के निर्देशानुसार नदिया में बिना शोधित जल व ई-कचरा नहीं डाला जा सकता है। ई-कचरा डालने पर एक लाख तक का जुर्माना निर्धारित है। जिला प्रशासन को भी इस निर्देश का पालन करना अनिवार्य होगा। इस मामले में 2018 में एनजीटी ने शासन के मुख्य सचिव को तलब कर सख्त निर्देश जारी किए थे।

बाढ़ खंड मुरादाबाद जोन के अधिशासी अभियंता राजेश गंगवार ने शनिवार को बताया कि रामगंगा नदी के मुरादाबाद से लेकर कन्नौज तक 526 किमी. क्षेत्र का सर्वे इसी माह पूरा हो जाएगा। शासनादेश जारी होने के बाद नदी के किनारे पिलर लगाए जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल

   

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