बीएचयू प्रबंध शास्त्र संस्थान में स्थापित होगा एक और स्वर्ण पदक,पुरा छात्र ने दी दानराशि

वाराणसी,09 दिसम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रबंध शास्त्र संस्थान में मेधावी विद्यार्थी के लिए एक और स्वर्ण पदक की स्थापना की जाएगी। इसके लिए संस्थान के पुरा छात्र अमरजीत सिंह भाम्बरा ने विश्वविद्यालय को योगदान दिया है। उन्होंने सोमवार को कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन से मुलाकात की और दानराशि का चेक सौंपा।

कुलपति प्रो. जैन ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए पुरा विद्यार्थियों की भावना और स्नेह की सराहना की है। अमरजीत सिंह भाम्बरा ने 1979 में संस्थान से प्रबंधन (एमबीएम) की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने अपनी माता जी गुरचैन कौर के सम्मान में स्वर्ण पदक स्थापित करने के लिए दान दिया है। कुलपति के साथ मुलाकात के दौरान पुरा छात्र भाम्बरा ने बीएचयू में बिताए अपने समय तथा अपने जीवन और करियर को आकार देने में विश्वविद्यालय की भूमिका को याद किया। बीएचयू के अधिकारियों के अनुसार यह दानराशि बीएचयू के मजबूत पुरा छात्र नेटवर्क और संस्थान के लिए योगदान देने की संस्कृति को बढ़ावा देने की विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह योगदान विश्वविद्यालय की प्रतिदान पहल के तहत किया गया है जिसका उद्देश्य मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, आवश्यकता आधारित वित्तीय सहायता, शिक्षण में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना, प्रभावशाली अनुसंधान को प्रोत्साहित करना, तथा सीखने के अवसरों का विस्तार करना है। विश्वविद्यालय ने प्रतिदान योजना के तहत प्राप्त दानराशि से कई नई छात्रवृत्तियाँ शुरू की हैं। इस दौरान प्रबंध शास्त्र संस्थान के निदेशक प्रो. आशीष बाजपेयी और संकाय प्रमुख प्रो. एस. के. दुबे भी मौजूद रहे।

बताते चलें कि इससे जहां संस्थान काे आर्थिक लाभ मिलता है ताे वहीं दानकर्ता पुरा छात्र के परिजनाें या जिसके नाम से पदक लिया गया हाे का सम्मान सदैव बना रहता है।यानी उदाहरण स्वरूप संस्थान के दीक्षांत समाराेह में छात्राें काे गुरचैन काैर के नाम से स्वर्ण पदक मिलेगा, हालांकि पदक निर्धारण में पुरा छात्र की काेई भूमिका नहीं रहेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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