भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य अपराधी को दंड देने के साथ पीडि़त को न्याय भी दिलाना : पुलिस महानिरीक्षक
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- Dec 02, 2024
जोधपुर, 02 दिसम्बर (हि.स.)। देश में गत एक जुलाई से लागू भारतीय न्याय सहित के तहत आज जोधपुर ग्रामीण की जिला स्तरीय पुलिस ऑफिसर कॉन्फ्रेंस 2024 पुलिस लाइन रातानाडा स्थित सरदार पटेल सभागार में हुई। इसमें नए आपराधिक कानून और पुलिस की चुनौतियों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता रेंज आईजी विकास कुमार ने की।
अपने संबोधन में आईजी विकास कुमार ने कहा कि देशभर में लागू हुए नए आपराधिक कानून और इन कानून की धाराओं को आम पुलिसकर्मी बेहतर तरीके से समझ सके इसके लिए इस तरह की कॉन्फ्रेंस की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में अंग्रेजों के जमाने के बने कानून जिनका नाम भारतीय दंड संहिता था यानी अपराधी को दंड देना उद्देश्य था लेकिन भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य न सिर्फ अपराधी को दंड देना है बल्कि पीडि़त पक्ष को न्याय मिले यह सुनिश्चित करना है। इसी तरह से बनाए गए नए कानून और आने वाले समय में पुलिस की कार्यप्रणाली को किस प्रकार से बदला जाए इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना है।
पुलिस अपनी भूमिका को समझें :
आईजी विकास कुमार ने कहा कि पुलिस को अपनी भूमिका को समझते हुए सुधारात्मक कार्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके अलावा, बड़ी सजा वाले मामलों में फोरेंसिक टीम की भूमिका भी अहम होगी, खासकर उन अपराधों में जिनमें सजा 7 साल से अधिक हो। बैठक में ग्रमाीण एसपी राममूर्ति जोशी ने कहा कि जयपुर में हुए राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में धरातल स्तर पर किस प्रकार से पुलिसिंग हो इसी को लेकर ये सम्मेलन जिला स्तर पर किया जा रहा है।
बैठक में चर्चा , कानूनी प्रावधानों में बदलाव की आवश्यकता :
बैठक में चर्चा की गई कि अंग्रेजी शासन से लेकर अब तक के कानूनी प्रावधानों में बदलाव की आवश्यकता है। मुख्यत: अपराधियों को दंडित करने की बजाय उन्हें सुधार की दिशा में ले जाने की आवश्यकता है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि दोषियों को सुधारने की प्रक्रिया में आगे बढऩे की जरूरत है, ताकि अपराध की पुनरावृत्ति कम हो सके।
यह हैं पुलिस के समक्ष चुनौतियां
पुलिस के सामने पारदर्शिता बनाए रखने, ग्रामीण क्षेत्रों में चुनौतियों से निपटने, और आधुनिक तकनीकी उपायों को अपनाने की महत्वपूर्ण चुनौती है। इसके साथ ही, सोशल मीडिया का उपयोग भी अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से जुड़े रहने और आपराधिक गतिविधियों की सूचना साझा करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
नवाचार और सुधारात्मक कदम
नवाचार और तकनीकी साख्य के साथ-साथ पुलिसिंग में सुधार की दिशा में कई नए कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि समाज में विश्वास और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को सजग, सतर्क और सुदृढ़ होना आवश्यक है। जिससे पुलिस अधिकारियों को और अधिक दक्षता के साथ कार्य करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, भविष्य में होने वाले अभियानों में यह कार्यप्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश